सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव को माफीनामा देने से इंकार कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार की भी सख्त आलोचना की है। कहा कि रामदेव आदेश का उल्लंघन करते रहे, लेकिन उसने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की। कोर्ट ड्रग कंट्रोलर ऑफिसर की लापरवाही पर भी सख्ती दिखाते हुए उसे उसे सस्पेंड करने को कहा है। रामदेव के लिए यह बड़ा झटका है। अब तक उन्हें लगता था कि सरकार उनके साथ है तो कोई क्या बिगाड़ लेगा, लेकिन एब कोर्ट की सख्ती से उनके होश उड़ गए हैं। वे लगातार फर्जी दावे के साथ अपना प्रोडक्ट बेचते रहे। कोर्ट के आदेश के बाद भी विज्ञापन देते रहे। कायदे से विज्ञापन दिखाने वाले गोदी मीडिया के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। याद रहे विज्ञापन छापने के भी मानक हैं। कोई अखबार कुछ भी विज्ञापन नहीं छाप सकता।
इधर सोशल मीडिया पर #Patanjali #BabaRamdev लगातार ट्रेंड कर रहा है। लोग खुल कर रामदेव के फर्जी दावों की खिल्ली उड़ा रहे हैं। पत्रकार अजीत अंजुम ने लिखा-आज लाला रामदेव के लिए सुप्रीम कोर्ट में जलील होने का दिन था . सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के बाद भी रामदेव ने बीमारियों के इलाज वाला भ्रामक विज्ञापन देकर मानहानि को न्योता दिया था। रामदेव आज माफी मांगने के लिए सुप्रीम कोर्ट में हाथ बांधकर खड़े थे लेकिन माफी कबूल नहीं हुई। एक रिपोर्टर @awais__usmani ने रामदेव के सामने सवालों की झड़ी लगा दी।
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रामदेव के माफीनामे पर कोर्ट ने कहा कि हम अंधे नहीं हैं। हर चीज देख और समझ रहे हैं। रामदेव को न्यायालय की अवमानना पर कार्रवाई के लिए तैयार रहना चाहिए। कोर्ट ने कहा-जानबूझकर हमारे आदेश की अवमानना की, कार्रवाई के लिए तैयार रहें। समाज को कड़ा संदेश जाना चाहिए! सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि पहली बार कोर्ट ने शक्ति दिखाई है कि कोनून से बड़ा कोई नहीं है। अब देखना है कि कंट्रोल ऑफिसर कब सस्पेंड किए जाते हैं।