लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बड़ा दांव चल दिया है। ऐसा दांव जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के लिए आफत बन सकता है। उन्होंने गुरुवार को रोजगार रिवोल्यूशन की घोषणा की, जिसमें 30 लाख सरकारी खाली पदों पर नौकरियां देने, पांच हजार करोड़ का रोजगार फंड बनाकर युवकों को देने, हर ग्रेजुएट तथा डिप्लोमाधारी को साल में कम से कम एक लाख रुपए देने की घोषणा शामिल है। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी और पूरी भाजपा की एक कमजोर नस पकड़ ली है। प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा कभी सरकारी नौकरी, रोजगार पर बात नहीं करते। गोदी मीडिया लगातार बता चुका है कि सरकार का काम नौकरी और रोजगार देना नहीं है। गोदी मीडिया और भाजपा नौकरी पर बात करने से हमेशा भागते हैं। वहीं राहुल गांधी ने पूरे जोर से रोजगार और नौकरी के सवाल को उठाया है। अपना एक खाका भी पेश किया है कि किस प्रकार उनकी सरकार बनने पर नौकरी और रोजगार देंगे। बिहार में तेजस्वी यादव ने भी नौकरी और रोजगार को ही अपना केंद्रीय मुद्दा बनाया है। देश के दो युवा नेताओं ने जिस तरह भाजपा के राममंदिर के सामने रोजगार का सवाल उठाया है, वह भाजपा को भारी परेशानी में डाल सकते हैं।
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राहुल गांधी और कांग्रेस के रोजगार रिवोल्यूशन में ठोस बातें की गई है। पांच खास बिंदुओं के जरिये रोजगार क्रांति को समझाया गया है। राहुल गांधी की यह घोषणा प्रधानमंत्री के हर साल दो करोड़ नौकरी देने की तरह जुमला नहीं लगता, बल्कि उन्होंने विस्तार से समझाया है कि वे किस प्रकार रोजगार क्रांति करना चाहते हैं। चाहते तो वेभी कह सकते थे कि एक करोड़ या दो करोड़ सरकारी नौकरी देंगे, पर ऐसा नहीं कहा गया है। कहा गया कि जो सरकारी पद खाली हैं, उन्हें भरा जाएगा। 30 लाख खाली पद हैं, तो इन पदों पर 30 लाख नौकरी दी जाएगी।
बिहार में तेजस्वी यादव ने नौकरी और रोजगार को ही केंद्रीय मुद्दा बना दिया है। तेजस्वी के नौकरीवाली सरकार नारे की गूंज पूरे देश में सुनाई पड़ी है। तीन मार्च को पटना महारैली को नौकरीवाली सरकार चाहिए नारे के लिए याद किया जाएगा। तेजस्वी यादव के इस नारे ने बिहार का राजनीतिक एजेंडा बदल दिया है। बिहार में राममंदिर की चर्चा पर नौकरी रोजगार भारी पड़ गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अब पहली बार नौकरी की बात करने लगे हैं, जबकि वे तेजस्वी पर बिफर चुके थे। उन्होंने 2020 में तेजस्वी यादव के 10 लाख नौकरी देने के वादे पर कहा था कि कहां से आएगा पैसा। तेजस्वी के बाप के यहां से पैसा लाएंगे।
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के नए दांव से भाजपा का 400 सीटें जीतने, राममंदिर, विश्व गुरु, धारा 370 के नैरेटिव कमजोर पड़ गए हैं। भाजपा को अपनी रणनीति पर विचार करना होगा। अगर वे अब भी राममंदिर, हिंदू-मुस्लिम की राजनीति के भरोसे चुनाव जीतना चाहेंगे, तो शायद ऐसा नहीं होने जा रहा है।