राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संस्कृत भाषा के पक्ष में बड़ा देते हुए कहा है कि यह विज्ञान व अध्यात्म की भाषा है. उन्होंने कहा कि एल्गोरिथम लिखने, मशीन लर्निंग यहां तक कि आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के लिए भी सर्वाधिक उपयुक्त भाषा है. वह लाल बहादुर शास्त्री संस्कृत विद्यापीठ के दीक्षांत समारोह में ये बात कह रहे थे.
राष्ट्रपति ने कहा कि अनेक विद्वान यह मानते हैं कि नियम-बद्ध, सूत्र-बद्ध और तर्कपूर्ण व्याकरण पर आधारित संस्कृत भाषा एल्गोरिथम लिखने और मशीन लर्निंग पर काम करने, यहां तक कि आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के लिए भी सर्वाधिक उपयुक्त भाषा है
राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसा नहीं है कि संस्कृत भाषा में केवल अध्यात्म, दर्शन, भक्ति, कर्म-कांड और साहित्य की ही रचना हुई हो। संस्कृत ज्ञान-विज्ञान की भाषा रही है। आर्यभट, वराह मिहिर, भास्कर, चरक और सुश्रुत जैसे वैज्ञानिकों और गणितज्ञों के ग्रन्थों की रचना संस्कृत में ही हुई थी.
राष्ट्रपति ने कहा कि संस्कृत भाषा, साहित्य और विज्ञान की परंपरा हमारे देश के बौद्धिक विकास की गौरवशाली यात्रा का सबसे प्रभावशाली अध्याय है। कहा जा सकता है कि संस्कृत भाषा में भारत की आत्मा परिलक्षित होती है। संस्कृत भाषा अनेक भारतीय भाषाओं की जननी है.
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि अच्छे मनुष्य का निर्माण करना शिक्षा की असली कसौटी है। शिक्षा व्यवस्था मूल्य-केन्द्रित हो न कि केवल ज्ञान केन्द्रित। शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य है व्यक्ति का चरित्रवान होना। सुशिक्षित व्यक्ति वह है जिसमे परोपकार की भावना और लोकहित के प्रति उत्साह होता है