रामनवमी के उत्सवी माहौल में जहां बिहार पूरी तरह रंग चुका है वहीं साम्प्रदायिक सौहार्द को ले कर गृह विभाग काफी चौकस हो गया है. उसने सोशल मीडिया पर भ्रामक पोस्ट फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई करने का फैसला लिया है. गृह विभाग ने साफ किया है कि समाज में वैमनस्य फैलाने वालों को बख्शा नहीं जायेगा.
गृह विभाग ने अखबारों में रविवार को दो विज्ञप्तियां जारी की हैं. इन विज्ञप्तियों में सष्पष्ट किया गया है कि फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सऐप आदि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किसी भी तरह की अफवाह, किसी समूह के प्रति वैमनस्य फैलाने वाली टिप्पणियां अगर किसी ने शेयर या पोस्ट की तो उसके खिलाफ आईटी एक्ट 2008 के तहत सख्त कार्रवाई की जायेगी.
दूसरी तरफ गृहविभाग के साइबर सेल ने राज्य के तमाम जिलों में अलग-अलग विशेष टीमें गठित की हैं जो अगले 36 घंटे तक सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग करेंगी. गृह विभाग के सूत्र ने बताया है कि पिछले कुछ दिनों में अनेक लोगों को विवादस्पद पोस्ट के लिए निजी स्तर पर सख्त चेतावनी दी जा चुकी है.
ध्यान रहे कि पिछले कुछ दिनों से राज्य के अनेक जिलों में भ्रामक पोस्ट के चलते समाज में तनाव की स्थिति उत्पन्न हुई है. उधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले चार दिनों से अनेक कार्यक्रमों में लोगों से लगातार अपील कर रहे हैं कि वे शांति और भाईचारे को हर हाल में बनायें रखें.
पिछले दिनों डीजीपी के स्तर पर राज्य के वरिष्ठ पुलिस अफसरों की कई दौर की मीटिंग हो चुकी है. इसमें तय किया गया है कि राज्य के किसी भी कोने में शांति के माहौल को भंग करने वालों के खिलाफ त्तकाल कार्रवाई की जाये.
गृह विभाग द्वार जारी एक अन्य विज्ञप्ति में कहा गया है कि धार्मिक जुलूस निकालने के पहले संबंधित पक्ष को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे इसके लिए अनिवार्य रूप से अनुज्ञप्ति प्राप्त कर लें. बिना लिखित आदेश के किसी भी तरह के जुलूस की अनुमति नहीं दी जायेगी. इस विज्ञ्पति में स्पष्ट किया गया है कि जुलूस के दौरान किसी समूह की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले गीत, नारे, झांकियां आदि की अनुमित किसी हाल में नहीं दी जायेगी. पुलिस की मॉनिटरिंग टीम इस पर कड़ी नजर रखेगी. अगर किसी ने इन एडवाइजरी का उल्लंघन किया तो उसके खिलाफ बिना देर किये कानून कार्रवाई की जायेगी.