राष्ट्रपति पद के लिए यशवंत सिन्हा होंगे विपक्ष के साझा उम्मीदवार

राष्ट्रपति पद के लिए प्रत्याशी के सवाल पर अभी भाजपा में मंथन चल ही रहा है कि आज विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को अपना साझा उम्मीदवार घोषित कर दिया।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष यशवंत सिन्हा को विपक्ष ने राष्ट्रपति पद के लिए अपना साझा उम्मीदवार घोषित कर दिया है। कांग्रेस नेता जयराम नरेश ने दिल्ली में विपक्षी दलों के साथ बैठक के बाद यह घोषणा की।

यशवंत सिन्हा नए दौर में भाजपा से इस्तीफा देनेवाले पहले नेता हैं। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की कार्यशैली के सख्त आलोचक हैं। बंगाल चुनाव के दरम्यान वे तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया था।

यशवंत सिन्हा लगभग चार दशक से सक्रिय राजनीति में हैं। वे पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री थे। बाद में वे भाजपा में शामिल हो गए। वे अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में दो बार केंद्रीय मंत्री रहे। उन्होंने भाजपा की कार्यशैली से नाराज होकर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद के साथ ही प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। विपक्ष ने पहले फारुख अब्दुल्ला और महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी को प्रत्याशी बनाने का प्रस्ताव दिया, लेकिन दोनों के मना करने पर टीएमसी ने यशवंत सिन्हा का नाम प्रस्तावित किया। इसे सिन्हा ने स्वीकार कर लिया।

यशवंत सिन्हा के नाम पर सहमति से कांग्रेस ने यह भी संदेश देने की कोशिश की है कि वह छोटे दलों के साथ चलना चाहती है। हाल तक टीएमसी और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा कांग्रेस के बीच रिश्ते खराब थे। लेकिन राष्ट्रपति चुनाव ने दोनों को नजदीक ला दिया। यही नहीं बंगाल की राजनीति में एक दूसरे के विरोधी टीएमसी और लेफ्ट भी करीब आ गए हैं। लेफ्ट ने भी ममता के प्रस्ताव का समर्थन किया।

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