राज्यपाल फागू चौहान ने कमजोर और अभिवंचित वर्ग की महिलाओं तथा नवजात शिशुओं के पोषण पर विशेष ध्यान दिये जाने को जरूरी बताया और कहा कि एक स्वस्थ इंसान ही स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकता है।
राजभवन में समाज कल्याण विभाग की ओर से राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत ‘पोषण माह’ (सितम्बर) में
आयोजित ‘अन्नप्राशन समारोह’ का शुभारंभ करते हुए श्री चौहान ने कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कि शरीर का भरण-पोषण सही ढंग से हो। उन्होंने कहा कि नवजात शिशु का पालन-पोषण यदि बचपन में ही समुचित रूप में हो जाता है तो व्यक्ति को जीवन भर स्वस्थ रहने में आसानी होती है
उन्होंने कहा कि समुचित जानकारी के लिए विशेष जन-जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। मां का दूध बच्चों के लिए अमृत के समान होता है। यह दूध उस संजीवनी के सदृश है, जिससे नवजात शिशु को आजीवन विभिन्न रोगों से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता प्राप्त हो जाती है।
श्री चौहान ने कहा कि आज समाज के हर वर्ग की महिलाओं में यह चेतना जगाने की जरूरत है कि वे अपने बच्चों को अपना दूध भरपूर मात्रा में पिलायें तथा स्वयं भी पौष्टिक आहार लेते हुए अपने को भी स्वस्थ रखें। उन्होंने कहा कि हर माता-पिता की यह जिम्मेवारी है कि वे अपने नवजात शिशुओं का सही रूप में पालन-पोषण करें ताकि उनके बच्चे बड़े होकर ठीक से पढ़े-लिखें और शारीरिक रूप से भी पूर्ण सक्षम रहकर देश और समाज की भरपूर सेवा कर सकें।
राज्यपाल ने कहा कि एक कल्याणकारी राज्य का दायित्व है कि वह अपने नागरिकों का हर तरह से ख्याल रखे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के आलोक में पूरे देश में वर्तमान माह को ‘पोषण माह’ के रूप में आयोजित किया जा रहा है। बिहार सरकार भी इस ‘पोषण माह’ के तहत विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रम आयोजित कर रही है।