RCP- भूपेंद्र यादव मुलाकात, कैबिनेट विस्तार पर क्या हुई बात ?
बिहार बीजेपी प्रभारी भूपेंद्र यादव और जनता दल यूनाइटेड अध्यक्ष आरसीपी सिंह के साथ गुरुवार को पटना में जेडीयू के दफ्तर में बैठक हुई। तो क्या कैबिनेट विस्तार पर क्या बात हुई?
इस मुलाकात के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल भी मौजूद थे.
हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार और विधान परिषद की सीटों के बंटवारे पर दोनों नेताओं ने कहा कि यह समय पर हो जाएगा और बड़ा मसला नहीं है। साथ ही आरसीपी सिंह ने हिंदुस्तान अवाम मोर्चा द्वारा एक मंत्री व एक विधान परिषद की सीट मांगने के सवाल पर कहा कि सब समय पर तय हो जायेगा.
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माना जा रहा था कि इस मुलाकात के बाद बहुप्रतीक्षित कैबिनेट विस्तार पर कुछ नतीजाखेज बातें सामने आयेंगी. लेकिन इस मुलाकात के तुरत बाद आरसीपी सिंह ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल उन्हें जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर बधाई देने आये थे.
इस बीच राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता चितरंजन गगन ने चुटकी लेते हुए कहा कि दोनों पार्टियों के बीच काफी अंतरद्वंद है. इस कारण वे कैबिनेट विस्तार पर कोई फैसला नहीं कर पा रहे हैं. चितरंजन गगन ने कहा कि सरकार बनने के पहले तो नीतीश कुमार, भाजपा पर दबाव बनाने में सफल रहे लेकिन अब वह भाजपा के दबाव के शिकार हैं.
गौरतलब है कि नीतीश सरकार के बने करीब डेढ़ माह हो चुके हैं लेकिन अभी तक कैबिनेट का विस्तार नहीं हो पाया है. कुछ टिप्पणीकारों का कहना है कि कैबिनेट विस्तार के मुद्दे पर जदयू और भाजपा के बीच बात नहीं बन पा रही है.
इससे पहले नीतीश कुमार से कैबिनेट विस्तार पर सवाल किया गया था तो उन्होंने कहा था कि अभी तक भाजपा की तरफ से इस पर कोई प्रस्ताव नहीं आया है.
इस बीच आरसीपी सिंह व बिहार भाजपा के अध्यक्ष व प्रभारी की मुलाकात के बाद उम्मीद की जा रही थी कि कैबिनेट के विस्तार पर तस्वीर साफ होगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.
गौरतलब है कि एनडीए के घटक दल के नेता जीतन राम मांझी ने कहा था कि उनकी पार्टी एक मंत्री पद व विधान परिषद की सीट के लिए दबाव बनायेंगे. मांझी का यह बयान तब आया जब चुनाव आयोग वे बिहार विधान सभा की दो सीटों पर उपचुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया है. उपचुनाव 28 जनवरी को होना है.
भाजपा व जदयू के निर्णायक पदों के नेताओं के मुलाकात के बाद यह माना जा रहा था कि कैबिनेट विस्तार पर कोई फैसला सामने आयेगा. लेकिन ऐसा न होने पर विपक्ष को फिर सत्ताधारी एनडीए पर हमला करने का अवसर मिल गया है.