बिहार में 2025 विधानसभा चुनाव के लिए बिसात बिछने लगी है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने पिछड़े-दलितों के आरक्षण पर सरकार को बैकफुट पर ला दिया, तो उधर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने पंचायतों में भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाते हुए विधान परिषद के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन किया।

तेजस्वी यादव ने आरक्षण को बड़ा मुद्दा बनाते हुए भाजपा-जदयू को घेरा है। कहा कि 17 महीने के उनके शासन में ऐतिहासिक कार्य हुए। राज्य सरकार ने सफलतापूर्वक जाति गणना कराई और आरक्षण की सीमा को बढ़ा कर 75 प्रतिशत किया। लेकिन वर्तमान भाजपा-जदयू सरकार पिछड़े-दलितों तथा आदिवासियों के आरक्षण को लेकर गंभीर नहीं है। पिछड़े तथा दलितों को 16 प्रतिशत आरक्षण का नुकसान हो रहा है, लेकिन वर्तमान सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। भाजपा-जदयू आरक्षण के मुद्दे पर खुल कर बोलने को तैयार नहीं हैं। वे कोई आश्वासन नहीं दे रहे हैं कि पिछड़ों-दलितों के बढ़ाए गए आरक्षण को लागू करने के लिए कोई प्रयास करेंगे।

उधर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने राजद तथा माले के विधान पार्षदों के साथ विधान परिषद द्वार पर प्रदर्शन किया और कहा कि पंचायतों में भ्रष्टाचार का बोलबाला है, जिससे गांव के गरीबों का काम मुश्किल हो गया है।

तेजस्वी यादव ने जिस प्रकार आरक्षण के मुद्दे पर जोर दिया है, उससे माना जा रहा है कि अगले साल विधानसभा चुनाव में पिछड़े-दलितों का 65 प्रतिशत आरक्षण का मुद्दा बड़ा सवाल बनेगा। तेजस्वी यादव देश भर में जाति गणना की भी मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार पहले देशभर में जाति गणना की मांग करते थे, अब चुप क्यों हो गए हैं। भाजपा आरक्षण के मुद्दे से बचना चाहती है। जदयू भी इस मुद्दे पर पीछे हटता दिख रहा है। अगर 65 प्रतिशत आरक्षण बड़ा मुद्दा बन गया तो एनडीए के लिए परेशानी हो सकती है।

By Editor


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