RJD के करोड़पति राज्यसभा प्रत्याशी Faiyaz Ahmad को जान लीजिए
RJD के राज्यसभा प्रत्याशी Faiyaz Ahmad ने 2020 में ने शपथ पत्र में स्वीकारा था कि उनके पास 2.70 करोड़ की अचल सम्पत्ति है. जानिये उनकी दिलचस्प कहानी.
सियासत की दुनिया में यूं तो डॉ. फैयाज अहमद कोई गुमशुदा नाम नहीं हैं. लेकिन उनकी असल पहचान निजी शिक्षण संस्थानों की श्रृंखला की वजह है. बीएड कॉलेज, अनेक प्रशिक्षण संस्थान के साथ मधुबनी मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन डा. फैयाज अहमद सियासत की दुनिया से न सिर्फ जुड़े रहे हैं बल्कि उन्होंने लगातार 2020 और 2025 में मधुबनी के बिसफी विधान सभा से विधायक रह चुके हैं.
वह 2020 के चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाने से चूक गये. लेकिन उनकी सियासी महत्वकांक्षा कम नहीं हुई और अब वह देश के उच्च सदन यानी राज्यसभा में चुन कर जाने वाले हैं. 60 वर्षीय डा. फैयाज अहमद के राज्यसभा जाने के बाद राजद के यह दूसरे सांसद बन जायेंगे जो मिडकल कॉलेज के मालिक हैं. इससे पहले कटिहार मेडिकल कॉलेज व अलकरीम युनिवर्सिटी के चेयरमैन डॉ. अहमद अशफाक करीम राज्यसभा के सदस्य बने थे.
2020 के विधान सभा चुनाव में हालांकि फैयाज ने अपनी सियासी किस्मत तीसरी बार बिसफी विधानसभा से आजमाई थी लेकिन उन्हें भाजपा के प्रत्याशी हरिभूषण ठाकुर बचौल ने बुरी गत कर दी और वह हार गये. फैयाज ने पहली बार 2005 में विधान सभा चुनाव लड़ा था. तब उन्हें नीतीश कुमार की पार्टी ने टिकट दिया था. लेकिन तब वह अपना पहला चुनाव हार गये थे. उसके बाद उन्होंने राजद का हाथ थामा.
एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में पार्टी से जुड़ा था और आज पार्टी ने मुझे देश की संसद में ऊपरी सदन ‘राज्यसभा’ का हिस्सा बनने का मौका दिया है. मैं अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सामाजिक न्याय के प्रतीक आदरणीय लालू प्रसाद यादव जी को धन्यवाद देता हूँ।@RJDforIndia @laluprasadrjd pic.twitter.com/wI643awMTX
— Dr Faiyaz Ahmad (@FaiyazAhmadRjd) May 27, 2022
डॉ फैयाज के बारे में बताया जाता है कि वह शेख बिरादरी से हैं. अगड़ी जाति के होने के कारण पिछड़े मुसलमानों की तरफ से राजद की आलोचना हो रही है. मुस्लिम मोर्चा के कमाल अशरफ का कहना है कि बिहार में 85 प्रतिशत मुसलमान पिछड़ी जाति से हैं. इस तरह राजद को मजबूती देने का काम पिछड़े करते हैं लेकिन राजद लगातार अगड़ी जाति के मुसलमानों को विधान पिरषद और राज्यसभा भेजता रहा है.
नीतीश से मिले RCP, नहीं सुलझा पेंच, अधर में भविष्य