RJD-JDU ने क्यों कहा सांप्रदायिकता व तिकड़म की उम्र ज्यादा नहीं

गोपालगंज-मोकामा उपचुनाव पर राजद ने कहा भाजपा की खुशी दिखावटी, अंदर से वह हिल गई है। जदयू ने कहा, नीतीश-तेजस्वी की जोड़ी भाजपा का सफाया करेगी।

बिहार में दो सीटों गोपालगंज और मोकामा में उप चुनाव परिणाम के बाद राजद और जदयू दोनों ने कहा कि भाजपा की तिकड़म और सांप्रदायिकता की राजनीति का बिहार में कोई भविष्य नहीं है। राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि भाजपा की खुशी दिखावटी है। दरअसल वह भीतर से हिल गई है। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि लव-कुश का आधार उनके साथ है और नीतीश-तेजस्वी की जोड़ी 2024 में भाजपा का सफाया कर देगी। गोपालगंज सीट पर एमआईएम ने भी 12 हजार से अधिक वोट प्राप्त किए हैं, महागठबंधन के लिए यह विचारणीय प्रश्न जरुर है।

राजद प्रवक्ता गगन ने कहा कि हर प्रकार के अनैतिक हथकंडों को इस्तेमाल करने के बावजूद मोकामा में भाजपा को जबरदस्त ढंग से मुंह की खानी पड़ी है। गोपालगंज में मामूली अंतर से भाजपा उम्मीदवार की जीत दरअसल में उम्मीदवार के प्रति लोगों के हमदर्दी का परिणाम है। इसके साथ हीं ऐन चुनाव के दिन राजद उम्मीदवार के बारे में फैलाई गई उस अफवाह की भी बड़ी भूमिका रही जिसमें सोशल मीडिया के माध्यम से यह प्रचारित किया गया कि राजद उम्मीदवार का नामांकन रद्द कर दिया गया है। जिसकी वजह से राजद समर्थक मतदाताओं की एक बड़ी संख्या का वोट अन्यत्र चला गया।

राजद प्रवक्ता ने कहा कि गोपालगंज में भाजपा लगातार जीतते रहा है। 2015 में भी जब राजद , जदयू और कौंग्रेस साथ थी उस समय भी भाजपा वहां 58 प्रतिशत वोट लाई थी । 2020 में भाजपा 36752 वोटों के अन्तर से चुनाव जीती थी। जबकि इस उप चुनाव में सिम्पैथी वोट के बावजूद मात्र 40 प्रतिशत वोट पर सिमट गई और जीत का अन्तर लगभग दो हजार रहा।

जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि गोपालगंज में भी भाजपा जदयू के आधार वोट में सेंध नहीं लगा पायी, वहां लव -कुश एवं अतिपिछड़ों का एकमुश्त वोट हमें मिला। मोकामा और गोपालगंज की महान जनता ने बता दिया कि जदयू का आधार वोट आज भी उसके साथ है। मोकामा में महाठबंधन बड़े फासले से जीता है, जबकि गोपालगंज में एनडीए उम्मीदवार को मामूली अंतर से जीत हासिल हुई है, और वो भी तब जबकि वहां सहानुभूति फैक्टर काम कर रहा था। हमारे देश की जनता अक्सर इस तरह के मौके पर सेंटिमेंट के आधार पर वोटिंग करती है। स्पष्ट है कि बिहार की जनता ने महागठबंधन को दिल से स्वीकार किया है और मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की सरकार की नीतियों और उपलब्धियों का असर यथावत है।

उन्होंने कहा कि गोपालगंज सीट पर महागठबंधन प्रत्याशी ने भाजपा को काफी कड़ी टक्कर देने का काम किया है। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव की तुलना में गोपालगंज सीट पर महागठबंधन प्रत्याशी के वोट में लगभग दुगुनी वृद्धि हुई, जबकि भाजपा के वोट में सात हजार वोट की गिरावट दर्ज हुई है। बिहार का मिजाज भाजपा के खिलाफ है। गोपालगंज सीट पर एमआईएम ने भी 12 हजार से अधिक वोट प्राप्त किए हैं, महागठबंधन के लिए यह विचारणीय प्रश्न जरुर है।

गोपालगंज में राजद की हार ने इन सुलगते सवालों को जन्म दिया

By Editor


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