राजद का दलित कार्ड, शिवचंद्र राम हो सकते हैं प्रदेश अध्यक्ष!
जगतानंद सिंह के राजद प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद पार्टी अब बिहार में दलितों को अपनी ओर करने के लिए दलित कार्ड का सहारा लेना चाह रही है।
शिवानंद गिरि
जगतानंद सिंह के राजद अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद पार्टी अब बिहार में दलितों को अपनी ओर करने के लिए दलित कार्ड का सहारा लेना चाह रही है। इसको लेकर पार्टी अब लालू परिवार के भरोसेमंद शिवचंद्र राम को राजद का अध्यक्ष बनाया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार सिंगापुर रवाना होने से पहले लालू यादव ने उनके नाम पर हामी भर दी है।
कौन हैं पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम!
शिवचंद्र राम वैशाली जिले के राजापाकर विधानसभा से विधायक रह चुके हैं. 2015-17 की नीतीश सरकार में कला, संस्कृति और खेल मंत्री भी रह चुके हैं. हालांकि 2020 के विधानसभा चुनाव में उनको हार का सामना करना पड़ा लेकिन पार्टी में उनकी पकड़ बेहद मजबूत है. दलित समाज से आने वाले शिवचंद्र राम फिलहाल रविदास चेतना मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. युवा आरजेडी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
लालू परिवार के भरोसेमंद होने के कारण उनको पार्टी में कई बड़ी जिम्मेदारी मिलती रही है. युवा होने के नाते वह तेजस्वी की कोर टीम के भी हिस्सा रहे है. माना जा रहा है कि दलित समाज के नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर लालू और तेजस्वी दलित समाज के बीच संदेश देना चाहते हैं.लेकिन सवाल उठता है कि दलित वोटबैंक पर लोजपा अपना वर्चस्व बताती आ रही है।
अब लोजपा के बिखराव के बाद भी दलितों का रुझान लोजपा की ओर ही दिखता है।ऐसे में आखिर राजद का दलित कार्ड कितना कारगर होगा ये तो आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन इतना तय है कि पार्टी लालू परिवार के भरोसेमंद को प्रदेश अध्यक्ष बना कर पार्टी के अंदर चल रहे असंतोष को पाटने में कारगर हो जायेगी तो इसे बहुत बड़ी उपलब्धि ही मानी जाएगी।
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