इस बदलाव को समझिये पूर्वे हुए ‘पूर्व’ जगदानंद हैं RJD के वर्तमान
इर्शादुल हक, एडिटर नौकरशाही डॉट कॉम
RJD ने राजपूत समाज के जगदानंद को, पिछड़े वर्ग के रामचंद्र पूर्वे के स्थान पर प्रदेश इकाई की कमान सौंप कर अपने सामाजिक आधार का दायरा बढ़ाने का संकेत दिया है.
लगातार चार बार राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रदेश इकाई के अध्यक्ष रहे राम चंद्र पूर्वे अब पूर्व अध्यक्ष हैं. वर्तमान अध्यक्ष जगदानंद सिंह को राबड़ी देवी ने प्रमाण पत्र सौंप दिया है. राष्ट्रीय जनता दल के द्वारा किये गये इस बदलाव को राजद के सामाजिक विस्तार के आईने में देखने की जरूरत है.
जगदानंद राजपूत हैं. पूर्वे, पिछड़ा वर्ग से हैं. तेजस्वी की पहल पर पार्टी ने अपने सामाजिक आधार को विस्तार देने का सफर शुरू किया है. पार्टी ने हाल ही में ऐलान किया था कि संगठन में अतिपिछड़ों के लिए कम अज कम 28 प्रतिशत पद आरक्षित रहेंगे. कुछ दिनों से संगठन में हो रहे फेर बदल से इसी फार्मुले का पालन शुरू हो चुका है.
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दूसरी तरफ पार्टी यह भी चाहती है कि सामाजिक रूप से अगड़ी जातियों में तरक्कीपसंद विचार के लोगों को भी संगठन में जगह मिले. जगदानंद का चुनाव इसी रणनीति का हिस्सा है. पूर्वे लगातार चार टर्म अध्यक्ष रह चुके हैं. अब कमान जगदानंद के हाथ में हैं. जगदानंद राजनीतिक रणनीतिकार के रूप में राजद के अंदर सम्मानित स्थान रखते हैं. वह राबड़ी और लालू मंत्रिमंडल में मंत्री रह चुके हैं.
तेजस्वी के नेतृत्व में सबसे बड़ा बदलाव
तेजस्वी यादव के नेतृत्व में संगठन का यह अब तक का सबसे बड़ा बदलाव है. पिछले वर्षों में राजद अपने जनाधार के विस्तार के लिए सामाजिक न्याय की विचारधारा को बदस्तूर मजबूती से डटा है. वहीं उसे लगता है कि नयी पीढ़ी के अगड़े समाज के युवाओं में सामाजिक न्याय की चेतना को और मजबूत करने की जरूरत है.
इसके लिए जगदानंद काफी कार आमद साबित हो सकते हैं. चूंकि पिछले छह-सात वर्षों में नरेंद्र मोदी व अमित शाह की सियासत अब अगड़ी जातियों के एक हिस्से में अपनी स्वीकार्यता खोती जा रही है ऐसे में राज्य इकाई की कमान अगड़ी जाति के हाथ में देने का राजद का यह कदम काफी सूझ-बूझ वाला माना जा रहा है.