जोकीहाट उपचुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार शाहनवाज आलम ने जदयू के मुर्शीद आलम को पछाड़ दिया है. साथ ही तस्लीमुद्दीन परिवार ने यह साबित कर दिया है कि उस परिवार का सदस्य चाहे जिस दल से चुनाव लड़े जीत उसी की ही होगी.
जोकीहाट विधान सभा में तस्लीमुद्दीन परिवार की यह दसवीं जीत है. इससे पहले तस्लीमुद्दीन के बड़े बेटे सरफराज आलम यहां से नीतीश कुमार की पार्टी जदयू से विधायक थे. लेकिन पिछले नवम्बर में उन्होंने इस्तीफा दे कर राजद के टिकट से लोकसभा उपचुनाव लड़ा और जीत गये. लेकिन इस बार जदयू को तस्लीमुद्दीन परिवार का सहारा नहीं मिला तो उसे एक मुखिया मुर्शीद आलम पर भरोसा करना पड़ा. उधर राजद ने शाहनवाज आलम को टिकट दिया और उन्होंने जीत हासिल कर ली.
जोकीहाट के बारे में कहा जाता है कि वहां पार्टी महत्वपूर्ण नहीं होती बल्कि तस्लीमुद्दीन का परिवार महत्वपूर्ण होता है. चाहे वह जिस दल से लडे, उसी दल की जीत होती है.
इस जीत पर तेजस्वी यादव ने कहा जनता के प्रेम, समर्थन और विश्वास के आगे विनम्रतापूर्वक नतमस्तक हूँ। ये जनता की जीत है। आप सबों को हार्दिक बधाई और धन्यवाद।
राजद प्रत्याशी शाहनवाज़ आलम ने जेडीयू प्रत्याशी मुर्शीद आलम को उपचुनाव में करारी शिकस्त दी है और 41 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की है.
इस विधानसभा क्षेत्र में अब तक हुए चुनावों में नौ बार तस्लीमुद्दीन के परिवार का कब्जा रहा और यह दसवां मौका है जब इस परिवार के किसी सदस्य ने इस सीट पर जीत हासिल की है. 1969 में गठित जोकीहट विधान सभा में 14 बार विधानसभा के चुनाव हो चुके हैं. तस्लीमुद्दीन के निधन के बाद इस सीट पर उनके परिवार के सदस्य को मिलने वाली जीत पर सवाल खड़े हो रहे थे, जिसे उनके छोटे बेटे ने जीत कर अपने विरोधियों को जवाब दे दिया है.
यहां हुए 14 चुनावों में दसवीं बार तस्लीमुद्दीन परिवार का कब्जा हुआ है.