पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा कि राज्य में सड़कों की गुणवत्ता में सुधार के लिए कई कदम उठाए गए हैं और प्रदेश सरकार तथा रेलवे के बीच रोड ओवर ब्रिज (आर ओ बी) के निर्माण के लिए सामान लागत साझेदारी के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया गया है।
श्री यादव ने विधानसभा में सड़क निर्माण विभाग की बजटीय मांग पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि आउटपुट और प्रदर्शन आधारित अनुबंध (ओपीआरएमसी) के चरण दो के तहत बिहार में सड़कों की गुणवत्ता में सुधार पर जोर दिया गया था । ओपीआरएमसी के चरण एक में सड़क की सतह के नवीनीकरण की अवधि तय नहीं की गई थी, लेकिन ओपीआरएमसी के चरण दो में सड़क की सतह के नवीकरण के लिए चार साल की अवधि निर्धारित की गई है, जिससे राज्य में सड़कों की गुणवत्ता को बनाए रखने में मदद मिलेगी ।
मंत्री ने कहा कि ओपीआरएमसी के चरण एक में अंतर्राष्ट्रीय मानक के अनुसार सड़कों के खुरदरापन को 3500 मिलीमीटर प्रति किलोमीटर तय किया गया था, जिसे अब घटाकर 2500 मि.मी. प्रति किलोमीटर कर दिया गया है। ओपीआरएमसी के चरण दो में सड़क सुरक्षा के उपाय किए गए हैं जिसमें जंक्शन सुधार, रोड साइनेज और रोड मार्किंग शामिल है । उन्होंने कहा कि सड़क के रख-रखाव कार्यों की निगरानी के लिए एक अलग विंग का गठन किया गया है जिसमें एक मुख्य अभियंता, तीन अधीक्षण अभियंता, छह कार्यकारी अभियंता और बारह सहायक अभियंताओं के पद सृजित किए गए है।
श्री यादव ने कहा कि सड़क दुर्घटना पीड़ितों को न्यूनतम संभव समय में अस्पतालों तक पहुंचाने के लिए हर सड़क नेटवर्क के लिए चिकित्सा एम्बुलेंस सुविधा उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए इस तरह की चिकित्सा एम्बुलेंस सुविधाएं मुफ्त उपलब्ध है ।