रोने धोने का बहुत समय मिलेगा कहने पर घिर गए प्रधानमंत्री
रोने धोने का बहुत समय मिलेगा कहने पर घिर गए प्रधानमंत्री। संसद के विशेष सत्र से पहले पीएम ने विपक्ष के बारे में की टिप्पणी। लोग कह रहे ओछी टिप्पणी।
संसद का विशेष सत्र सोमवार को प्रारंभ हो गया। सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सत्र छोटा है, लेकिन महत्वपूर्ण है। सभी से आग्रह करता हूं कि सबका अधिक समय मिले। उमंग के साथ समय मिले, रोने धोने के लिए बहुत समय होता है। करते रहिए।
रोने-धोने के लिए बहुत समय मिलेगा, रोते रहिए। जाहिर है यह प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष के लिए कहा। इससे समझा जा सकता है कि वे विपक्ष के सवालों, आलोचना को सम्मान देते हैं या मजाक उड़ाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विपक्ष के बारे में इस टिप्पणी को आम तौर से लोग ओछी टिप्पणी करार दे रहे हैं। इसे विपक्ष का अपमान बताया जा रहा है, जबकि लोकतंत्र में विपक्ष का सम्मान होना चाहिए। वह सरकार की गलतियों को सरकार के सामने उजागर करता है। अगर विपक्ष सवाल न उठाए, जिसे प्रधानमंत्री रोना-धोना कह रहे हैं, तो सत्ता निरंकुश हो जाएगी।
पत्रकार अभिसार शर्मा ने कहा विपक्ष को PM मोदी की नसीहत: “रोने धोने का बहुत समय है, करते रहिए!” मोदी जी आपको अंदाजा है, के ये बयान कितना छोटा है? कितना हल्का है? आपकी खीज दिखाता है? ऐसे संवाद स्थापित करना चाहते हैं आप विपक्ष से? इतनी सत्ता, इतनी ताकत, फिर भी इतना complex? कौन रो रहा है..ये तो दिख रहा है… जब बात रोने की कर ही रहे हैं तो क्या देश के प्रधानमंत्री, कश्मीर में शहीद सैनिकों के रिश्तेदारों के आंसू पोछना तो दूर की बात, उनपर एक शब्द बोलने की हिम्मत करेंगे? न मणिपुर न कश्मीर! न आप… न देश के रक्षा मंत्री और गृह मंत्री ने ही कुछ बोला है! ग़ज़ब का अमृत काल है ये!
पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने कहा कि प्रधानमंत्री ने संसद को कवर करने वाले पत्रकारों की सराहना की है। क्या वे बताएंगे कि संसद सत्र को कवर करने से अब पत्रकारों को क्यों रोक दिया गया है। हम पत्रकारों को पिछले कई वर्षों से संसद के सेंट्रल हॉल में जाने पर रोक लगा दी गई है। ऐसा क्यों।
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