RSS और BJP में बढ़ा तकरार, मंदिर मामले में अध्यादेश नहीं लायेगी सरकार
भाजपा के कुछ नेताओं और संघ व संघ समर्थित संतों के दबाव के आगे केंद्र सरकार झुकने को तैयार नहीं है. केंद्र सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश नहीं लायेगी.
भाजपा अध्यक्ष ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी इस मामले में अदालत की सुनवाई का इंतज़ार करेगी. शाह ने कहा है कि उनकी पार्टी शीतकालीन सत्र में राम मंदिर निर्माण के लिए कोई बिल या अध्यादेश नहीं लाएगी बल्कि सुप्रीम कोर्ट में चल रही जनवरी के सुनवाई का इंतज़ार करेगी.
नवभारत टाइम्स के अनुसार, शाह ने भरोसा जताया है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला मंदिर के पक्ष में होगा.
अमित शाह ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण उनकी पार्टी की प्रतिबद्धता है. उन्होंने कहा कि, ‘यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और हमें इसकी सुनवाई के लिए जनवरी तक इंतजार करना चाहिए.’
इंडिया टुडे के अनुसार कांग्रेस पर हमला बोलते हुए शाह ने कहा, ‘क्या कपिल सिब्बल बिना राहुल गांधी के इजाज़त के सुनवाई को टालने के लिए याचिका दायर कर रहे हैं.’
शाह ने कहा कि भाजपा आगे सुनवाई का इंतज़ार करेगी, ये अदालत का मामला है, हमारे हाथ में कुछ नहीं है. हमारे हाथ में होता तो मंदिर पहले ही बन गया होता.’
रविवार को अयोध्या में धर्मसभा कर हिंदू संगठनों और संतों ने सरकार को मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने की मांग की है. जबकि भाजपा के अनेक नेता और यहां तक की सांसदों और मंत्रियों ने भी कहा था कि सरकार इसके लिए अध्यादेश लाये.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले की सुनवाई को जनवरी तक टाल दिया है जिसके बाद विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या में धर्म संसद का आयोजन किया और मांग की कि सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाये. उधर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी कई बार दोहराया कि सरकार इस मामले में अध्यादेश लाये ताकि मंदिर का निर्माण हो सके.
लेकिन अमित शाह के ताजा बयान से साफ हो गया है कि संघ के दबाव में केंद्र सरकार झुकने को तैयार नहीं है.