आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बिना नाम लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिर से निशाने पर लिया। कहा कि कोई खुद को भगवान न समझे। आपके काम का मूल्यांकन जनता करेगी। उनके इस बयान से राजनीति गरमा गई। याद रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही कहा था कि वे नॉन बयलोजिकल हैं। उनका जन्म आम आदमी की तरह नहीं हुआ है। उन्हें सीधे ईश्वर ने भेजा है। इसके बाद प्रधानमंत्री लगातार विपक्ष के निशाने पर थे। खुद को अवतार बताने पर विपक्ष कई बार तंज कस चुका है। अब पहली बार संघ प्रमुख भागवत ने भी कहा कि कोई खुद को भगवान न समझे।

संघ प्रमुखमोहन भागवत ने पुणे में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि किसी को खुद के भगवान होने का एलान नहीं करना चाहिए। कोई भगवान होगा या नहीं, यह जनता तय करती है। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग चाहते हैं कि हमेशा बिजली की तरह चमकते रहें। लेकिन बिजली चमकने के बाद फिर से अंधेरा हो जाता है। भागवत मणिपुर पर भी बोले। कहा कि मणिपुर की हालत खराब है। जो लोग वहां व्यवसाय या समाजसेवा करने गए हैं, उनकी कोई सुरक्षा नहीं है। दरअसल मणिपुर की जनता भी असुरक्षित है।

याद रहे मोहन भागवत ने पहले भी इशारों में प्रधानमंत्री मोदी को नसीहत दी थी। लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार के तुरत बाद कहा था- जो मर्यादा का पालन करते हुए काम करता है. गर्व करता है लेकिन अहंकार नहीं करता, वही सही अर्थों में सेवक कहलाने का अधिकारी है। भागवत जुलाई में झारखंड पहुंचे, तो यहां भी एक कार्यक्रम में कहा कि कुछ लोग अपने को सुपरमैन समझने लगते हैं। यह ठीक नहीं।

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मोहन भागवत के पहले के बयानों के आधार पर ही माना जा रहा था कि संघ और प्रधानमंत्री मोदी के रिश्ते में खटास आ गई है। दोनों के बीच दूरी बढ़ती जा रही है। अब खुद को ईश्वर समझने वाले बयान के बाद एक बार फिर से संघ और प्रधानमंत्री मोदी के बीच जारी संघर्ष पर चर्चा छिड़ गई है। लोग सवाल करने लगे हैं कि क्या संघ नेतृत्व परिवर्तन चाहता है। इधर कांग्रेस सहित इंडिया गठबंधन के नेताओं ने भागवत के बयान को आधार बना कर नॉन बॉयलोजिकल प्रधानमंत्री पर फिर से हमला तेज कर दिया है।

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By Editor


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