बहुत दिनों के बाद राजद अध्यक्ष लालू यादव का नाम आज सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। उनके एक बयान से देश की सियासत गरमा गई है। भाजपा समर्थक तिलमिला गए हैं।
लालू यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि इन RSS/BJP वाला का कान पकड़, दंड बैठक करा इनसे जातिगत जनगणना कराएंगे। इनकी क्या औक़ात है जो ये जातिगत जनगणना नहीं करायेंगे? इनको इतना मजबूर करेंगे कि इन्हें जातिगत जनगणना करना ही पड़ेगा। दलित, पिछड़ा, आदिवासी और गरीब का एकता दिखाने का समय अब आ चुका है। राजद अध्यक्ष ने इतना तीखे शब्दों में भाजपा को घेरा कि भाजपा वाले परेशान हो गए हैं। याद रहे कल ही संघ ने कहा था कि उसे जातियों की गिनती से विरोध नहीं है, लेकिन इसका राजनीतिक इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। जाति गणना का उपयोग चुनावी राजनीति के लिए नहीं होना चाहिए। साफ है कि वह पिछड़ों की सामाजिक न्याय की लड़ाई के विरोध है। उसे जाति गणना से विरोध नहीं है, पिछड़ों के राजनीतिक दावेदारी से परेशानी है। इसी पर जब लालू यादव ने घोरा, तो भाजपा समर्थक तिलमिला गए हैं।
इधर, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने पटना में कहा कि बीजेपी और आरएसएस के लोग पूरी तरह से आरक्षण विरोधी लोग हैं। यही वजह है कि पूरे देश में जातिगत गणना नहीं कराने चाहते हैं। लालू जी ने जो बाते कही हैं वह बिल्कुल सही हैं।
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लालू यादव और तेजस्वी यादव के बयान के बाद राजनीतिक रूप से जवाब देने के बदले दोनों के खिलाफ भाजपा समर्थक दोनों पर व्यक्तिगत हमले कर रहे हैं। दोनों नेताओं के तेवर से जदयू भी परेशान हो गया है। जदयू के नेता और मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि 65 प्रतिशत आरक्षण रद्द हो गया है, तो 9 वीं अनुसूची में डालने का प्रश्न ही नहीं उठता। इधर राजद ने घेरा कि आरक्षण पर जदयू-भाजपा ने कोर्ट में सही से तर्क नहीं रखा, इसीलिए कोर्ट ने खारिज किया।