जनता दल राष्ट्रवादी के संयोजक अशफाक रहमान ने आरएसएस को अंग्रेजों के गुप्त संगठन रॉयल सेक्रेट सर्विस का नया रूप बताया है जिसका उद्देश्य विभिन्न समुदायों को आपस में लड़ा कर देश को छिन्न-भिन्न करना था. आरएसएस आज भी उसी एजेंडे पर चल रहा है.

अशफाक रहमान ने दावा किया है कि गुप्त तरीके से काम करने वाला अंग्रेजों का संगठन रॉयल सेक्रेट सर्विस( आरएसएस) का मौजूदा स्वरूप ही राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ( आरएसएस) है जो विभिन्न समुदायों के बीच घृणा के बीज बो कर उन्हें आपस में लड़ाने में लगा है. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के दौर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अंग्रेजी हुकूमत का विरोध नहीं करता था, बल्कि उसके इशारों पर काम करता था. रहमान ने देशवासियों से अपील की है कि उन्हें इस आरएसएस के षड्यंत्र से सतर्क रहने की जरूरत है. उन्होंने मुसलमानों से भी अपील की कि  उन्हें इस साजिश को समझ कर अपने नेतृत्व पर भरोसा करना चाहिए. उन्होंने कहा कि एकजुट हो कर आरएसएस की घृणाधारित रणनीति का मुकाबला करना होगा.

अंग्रेजों की गुलामी का समर्थक

अशफाक रहमान ने कहा कि आरएसएस ने लोगों में धार्मिक स्तर पर इस तरह बहका रखा है कि लोग खुल कर उसका विरोध नहीं कर पाते हैं. उन्होंने कहा कि हमारा देश सैकड़ों वर्षों तक अंग्रेजों की गुलामी में कैद रहा लेकिन आरएसएस इस गुलामी नहीं मानता बल्कि अब वह ताजमहल और लालकिले को ले कर नयी बहस शुरू कर चुका है और जताना चाहता है कि देश मुगलों का गुलाम रहा है.

 

अशफाक रहमान ने कहा कि आरएसएस फिर से देश में नफरत के बीज बो रहा है ताकि देश में गृहयुद्ध जैसे हालात बनते जायें और देश कमजोर हो जाये जिसके नतीजे में इस पर अंग्रेजपरस्त एजेंट काबिज हो जायें. रहमान ने कहा कि इस साजिश को हिंदू-मुसलमान सब को समझने की जरूरत है और एकजुट हो कर उसे सबक सिखाने की जरूरत है.

 

रहमान ने मुसलमानों को चेताया है कि रॉयल सेक्रेट सर्विस मुसलमानों के अंदर तरह तरह के मसलक के आधार पर मुसलमनों को बाटने की साजिश रची और मुसलमान इस साजिश को समझ नहीं पाये. उन्होंने कहा कि मौजूदा आरएसएस उसी रणनीति पर काम कर रहा है और मुसलमानों को आपस में बांट कर लड़ा रहा है.

सेक्युलर पार्टियों ने दिया मुसलमानों को धोखा

रहमान ने कहा कि मुसलमानों को कथित सेक्युलर पार्टियों ने धोखा दिया है. जिन मुसलमानों की सरकार सेवा में 33 प्रतिशत भागीदारी थी अब वह घट कर महज पौने तीन फीसद रह गयी है. इसके लिए कोई और नहीं बल्कि सेक्युलरिज्म के नाम पर सियासत करने वाली पार्टियां जिम्मेदार हैं. रहमान ने कहा कि मुसलमानों में भी कुछ लोग ऐसे हैं जो मुस्लिम हो कर भी इस समाज से गद्दारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज में भी मीर जाफर और मीर सादिक जैसे लोग मौजूद हैं जो दूसरों के एजेंडे पर काम कर मुसलमानों को जात-पात के आधार पर तोड़ने में लगे हैं.

 

रहमान ने मुसलमानों से अपील की कि वे इस तरह की साजिशों को समझें और अपनी सियासत व अपनी कयादत के उसूल पर काम करके मुसलमानों के साथ साथ देश को मजबूत करें.

By Editor


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