सूचना अधिकार के तहत प्राप्त दस्तावेज से चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि जापानी प्रधान मंत्री के भारत दौरे के दौरान बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट से संबंधित किसी एग्रीमेंट पर कोई हस्ताक्षर नहीं हुए.
सितम्बर में जापानी प्रधान मंत्री गुजरात आये थे और उनका जोरदार सत्कार खुद नरेंद्र मोदी ने किया था. उस वक्त मीडिया में ऐसी खबरें बड़ी जोर-शोर से आयी थीं.
इस दौरान अहमदाबाद और मुम्बई के बीच बुलेट ट्रेन चलाने का ऐलान नरेंद्र मोदी ने किया था. तब मोदी ने कहा था कि जापान इस प्रोजेक्ट के लिए 88 हजार करोड़ रुपये देगा और इस पर मात्र 0.1 प्रतिशत का व्याज लगेगा. यह लोन पचास वर्षों के लिए होगा. मोदी ने तब कहा था कि यह व्याज फ्री जैसा लोन होगा.
हालांकि आरटीआई से प्राप्त दस्तावेज में जो जानकारी मिली है वह बुलेट ट्रेन पर अब तक आयी खबरों की कलई खोलने वाली है.
अतुल जी शिखंडा द्वारा मांगी गयी सूचना में बताया गया है कि जापानी प्रधानमंत्री जब 14 सितम्बर को भारत आये थे तो इस दौरान बुलेट ट्रेन से संबंधित किसी भी एमओयू या एग्रीमेंट पर कोई दस्तखत नहीं किये गये. यह सूचना 13 अक्टूबर को जारी की गयी है. RTI की इस प्रति को वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने अपने फेसबुक वॉल पर शेयर किया है.
डिप्टी सेक्रेटरी जापान सीपीआई ओ निहारिका सिंह ने यह सूचना अपने दस्तखत से जारी की है. आरटीआई द्वारा जारी यह सूचना भारत के विदेश मंत्रालय के लेटर पैड पर दी गयी है.