SaatRang : क्या सिख धर्म इस्लाम के खिलाफ है
पीएम नरेंद्र मोदी ने श्रीगुरुगोविंद सिंह जी के साहेबजादों की कुरबानी की याद में वीर बाल दिवस की घोषणा की। इसके बाद छिड़ी नई बहस।
कुमार अनिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीगुरुगोविंद सिंह महाराज के साहेबजादों की कुरबानी की याद में वीर बाल दिवस की घोषणा की। यह 14 जनवरी को मनाया जाएगा। इसके बाद से देश में एक नई बहस छिड़ गई है। एक टीवी चैनल की बहस में जब भाजपा प्रवक्ता ने इस असीम कुरबानी को इस्लाम के खिलाफ बताने की कोशिश की तो कांग्रेस प्रवक्ता गुरदीप सिंह सप्पल ने इतिहास सामने रख दिया। उन्होंने बताया कि उस मुकदमे में मुस्लिम नवाब सजा के विरुद्ध थे, जबकि मुखबिरी करनेवाला गंगाधर कौल था।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि सप्पल जी औरंगजेब का पक्ष लेना ताहें, तो ले सकते हैं। इस पर सप्पल ने इतिहास को सामने रखते हुए कहा- औरंगजेब के साथ सिखों का संबंध एक आक्रांता, एक आतताई राजा के खिलाफ एक धर्म की कुरबानियों का है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं की सिख धर्म इस्लाम के खिलाफ है।
जब वजीर खान के कोर्ट में मुकदमा चल रहा था, तब मलेर के नवाब शेर मोहम्मद खान वो फेवर में थे और जिसने खिलाफ गवाही दी उसका नाम दीवान सुच्चानंद थे। जिसने मुखबिरी की उसका नाम गंगाधर कौल। नवाब शेर खान ने पक्ष में और दीवान सुच्चानंद ने खिलाफ में काम किया।
इसके एक हफ्ते बाद जब गुरुजी चमकौर के जंगल में फंस गए थे, दो बड़े बेटे शहीद हुए तब उनको कौन निकाल कर ले गया था? निकालनेवाला दो पठान गनी खान और दबी खान निकाल कर ले गए थे। गुरु गोविंद सिंह को पालकी से ले गए थे। देखिए वीडियो-
औरंगज़ेब के विरुद्ध संघर्ष और क़ुर्बानी का मतलब ये नहीं था कि सिख गुरु इस्लाम के ख़िलाफ़ थे।
— Gurdeep Singh Sappal (@gurdeepsappal) January 9, 2022
सभी कुरबानियों के बाद भी गुरु गोबिंद सिंह जी ने लिखा था :
हिंदू तुरक कोऊ राफजी इमाम साफी
मानस की जाति सबै एकै पहिचानबो.
(Entire humankind has only one identity) pic.twitter.com/TfmWqqeDkk
उसने गांधी को क्यों मारा जैसी जानकारीपरक पुस्तक लिखनेवाले लेखक अशोक कुमार पांडेय ने कहा-जब इतिहास बोलता है तो नफ़रती की जान सूख जाती है। शानदार @gurdeepsappal जी। गुरदीप सिंह सप्पल का एक और वीडियो खूब देखा जा रहा है, जो भाजपा की कोशिशों पर पानी फेर देता है। देखिए-
वीर बाल दिवस अगर पहले घोषित नहीं हुआ तो इसमें क्या छोटे साहिबज़ादों की शहादत के सम्मान में कमी रही? pic.twitter.com/XZvItuUgwQ
— Gurdeep Singh Sappal (@gurdeepsappal) January 9, 2022
गुरुदोविंद सिंह जी महाराज ने सबी धर्मों से प्रेम करना सिखाया। सप्पल ने लिखा है-
मैं नफरत में यकीन नहीं करता
क्योंकि मेरी प्रार्थना में
रोज ‘सरबत का भला’ मांगा जाता है
और मेरी परंपरा
युद्ध में दुश्मन को भी
पानी पिलाने की है
मैं तानाशाही को नहीं मानता,
क्योंकि मेरा पंथ
पंज प्यारों की लोकतांत्रिक सत्ता का पैरोकार है …।
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