सड़क पर कील क्यों ठोक रही सरकार, किसान बोले गहरी साजिश
आंदोलन को समाप्त करने के लिए पहले दीवार बनवाई, अब लोहे की कीलें ठोंकी जा रही हैं। आखिर क्यों? क्या कहते हैं किसान नेता? क्या कहा कांग्रेस और राजद ने?
कुमार अनिल
स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार किसी आंदोलन से निबटने के लिए ऐसे उपाय किए जा रहे हैं। अब तो सरकार रास्ते में लोहे की कीलें गाड़ रही है। इससे पहले हाइवे पर आधुनिक मशीनों से रातों-रात कंक्रीट की मोटी दीवार खड़ी की गई। लोगों ने समझा कि सरकार नहीं चाहती कि किसान अपने ट्रैक्टर के साथ दिल्ली में प्रवेश करें। लेकिन दीवार के बाद बड़ी-बड़ी कीलें क्यों? पुलिस ने हाइवे पर पैदल चलनेवालों को भी रोक दिया। यही नहीं, हाइवे से हटकर जंगल के रास्ते से लोग पैदल गाजियाबाद से दिल्ली आ रहे थे, उस रास्ते में भी बड़े-बड़े गड्ढे खोद दिए गए हैं। दिहाड़ी मजदूर इन जंगल के रास्तों से पैदल आ रहे थे, अब उनका आना भी कठिन हो गया है।
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जब किसान नेता राकेश टिकैत से कारण पूछा गया, तो उन्होंने जो जवाब दिया, वह गौर करनेवाला है। टिकैत ने कहा कि सरकार जानबूझ कर सारे रास्ते बंद कर रही है। वह चाहती है कि लोग खूब परेशान हों और सरकार यह प्रचार करेगी कि किसानों के कारण लोगों को परेशानी हो रही है। इस तरह आम लोगों को वह किसानों से लड़ाना चाहती है। लोगों ने पत्थर फेंकनेवाले तथाकथित स्थानीय लोगों की असलियत जान ली। खालिस्तान का नारा भी नहीं चला। पुलिस दमन से आंदोलन नहीं रुका। अब सरकार जनता को आपस में लड़ाना चाहती है। लेकिन इस साजिश को भी हम विफल करेंगे।
कांग्रेस और राजद ने क्या कहा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तंज कसते हुए कहा कि सरकार पुल बनाने की जगह दीवार बना रही है।
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि सड़क पर नहीं, लोकतंत्र में कीलें ठाोकी जा रही हैं। सड़कों पर पुल के बजाय दीवारों बनाई जा रही हैं। संजय यादव ने कई तस्वीरें भी साझा कीं, जिनमें रात में सड़क पर कील ठोकी जा रही है।