साक्षी ने दिल को चीर देनेवाला लिखा पत्र, बहाएंगी गंगा में मेडल
पहलवानी में मिला एकमात्र ओलिंपिक पदक आज गंगा विसर्जित कर देंगी साक्षी मलिक। देशवासियों के नाम लिखा पत्र। पत्र में प्रधानमंत्री मोदी के बारे में भी लिखा-
कुमार अनिल
दिल्ली में महीना भर धरना-प्रदर्शन के बाद भी सुनवाई न होने, उल्टा सड़क पर घसीटे जाने के बाद सारी महिला पहलवान मंगलवार शाम 6 बजे अपने मेडल गंगा में विसर्जित कर देंगी। पहलवानी में देश के लिए एकमात्र ओलिंपिक पदक लाने वाली साक्षी मलिक ने देशवासियों के नाम पत्र लिखा है। पत्र झोकझोर कर रख देनावाला है। पत्र में लिखा है कि मेडल किसे लौटाएं, प्रधानमंत्री को? प्रधानमंत्री हमें बेटी कहते थे, लेकिन महीने भर में एक बार भी बेटियों की सुध नहीं ली। राष्ट्रपति को को लौटाएं? फिर मन ने सोचा कि वे हमसे दो किमी की दूरी पर बैठी हैं, लेकिन सिर्फ देखती रहीं। कुछ बोली नहीं। इसलिए मेडल को हम गंगा में विसर्जित करने जा रहे हैं। मेडल ही हमारे लिए जीवन था। फिर जब वह ही नहीं रहेगा, तो जीवन का मकसद नहीं बचेगा। इसलिए फिर हम आमरण अनशन पर बैठ जाएंगी। पढ़िए तीन पन्ने का पत्र-
महिला पहलवानों के पत्र के बाद सोशल मीडिया पर लोग रो पड़े हैं। क्षुब्ध हैं, रोष में हैं। किसान नेता राकेश टिकैत ने मेडल को गंगा में विसर्जित न करने की अपील की है।
फिल्मकार विनोद कापरी ने लिखा-ये ख़बर दिल को चीर देने वाली है। भारत के इतिहास में किसी महिला पहलवान को ओलंपिक में मिला एकमात्र पदक , जी हाँ एकमात्र ओलंपिक पदक , आज शाम गंगा में विसर्जित हो जाएगा। दिल डूब जा रहा है ये सोच सोच कर। क्या हो गया है इस देश को ?
ये ख़बर दिल को चीर देने वाली है।
— Vinod Kapri (@vinodkapri) May 30, 2023
भारत के इतिहास में किसी महिला पहलवान को ओलंपिक में मिला एकमात्र पदक , जी हाँ एकमात्र ओलंपिक पदक , आज शाम गंगा में विसर्जित हो जाएगा।
दिल डूब जा रहा है ये सोच सोच कर।
क्या हो गया है इस देश को ? https://t.co/dc4nCIHns6
किसान आंदोलन के साथ रहे पत्रकार मनदीप पुनिया ने लिखा-ओलंपिक में आज तक सिर्फ़ एक महिला पहलवान का पदक आया था. आज वही अपना पदक गंगा में बहाने जा रही है। कुछ समझ नहीं आ रहा कि क्या लिखूँ हम सब मुर्दा लोग हैं।
ओलंपिक में आज तक सिर्फ़ एक महिला पहलवान का पदक आया था. आज वही अपना पदक गंगा में बहाने जा रही है.
— Mandeep Punia (@mandeeppunia1) May 30, 2023
कुछ समझ नहीं आ रहा कि क्या लिखूँ
हम सब मुर्दा लोग हैं. pic.twitter.com/83zDVZvcAl
सोशल मीडिया पर इन महिला पहलवानों के वीडियो देखे जा सकते हैं, जिसमें वे हरिद्वार में गंगा में पदक विसर्जित करने के लिए निकल रही हैं। देश की सबसे शानदार बेटियां रो रही हैं और मेडल गंगा में विसर्जित करने जा रही हैं, इससे ज्यादा शर्मनाक बात किसी देश के लिए नहीं हो सकती। सबसे निराश करने वाली बात है कि देश में एक ऐसा तबका खड़ा कर दिया गया है, जो हर अत्याचार के बाद अत्याचारी के पक्ष में ही खड़ा हो जाता है और जिस बेटी की इज्जत लूटी गई, उसे ही बदनाम करने में जुट जाता है और सत्ता का हाल क्या कहा जाए, मीडिया का हाल क्या कहा जाए। देश सोचे।
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