बिहार विधानसभा में आज भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लेनिनवादी (भाकपा-माले) के सदस्यों ने समस्तीपुर सामूहिक बलात्कार मामले को लेकर हंगामा किया ।
विधानसभा में कार्यवाही शुरू होते ही भाकपा-माले के सत्यदेव राम ने समस्तीपुर सामूहिक बलात्कार मामले को लेकर दिए गए कार्यस्थगन प्रस्ताव को मंजूर करने की मांग की। इस पर सभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा, “यदि आप सही समय पर इसे उठाएंगे तो उसका निदान भी निकलेगा। अभी प्रश्नकाल का समय है इसलिए उसे होने दें।” सभा अध्यक्ष के आग्रह पर माले के सदस्य अपनी सीट पर बैठ गए और उसके बाद प्रश्नकाल शुरू हो सका।
प्रश्नोत्तर काल समाप्त होने के बाद सभा अध्यक्ष श्री चौधरी ने भाकपा-माले के सत्यदेव राम, सुदामा प्रसाद और राष्ट्रीय जनता दल(राजद) के प्रह्लाद यादव, मो. नेमतुल्लाह, नवाज़ आलम तथा राजद के ही समीर कुमार महासेठ, राजेंद्र कुमार, सुधीर कुमार और पूनम कुमारी की ओर से दिए गए तीन अलग-अलग कार्यस्थगन प्रस्ताव को नियमानुकूल नहीं पाते हुए अमान्य कर दिया।
इस पर भाकपा-माले के सत्यदेव राम ने कहा कि बिहार में आए दिन सामूहिक बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं। यहां महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रही हैं। सभाध्यक्ष ने पर कहा कि सदन में गृह विभाग की बजट मांग पर जब चर्चा हुई थी उस दिन उन्हें यह बात रखनी चाहिए थी।
इसके बाद भाकपा-माले के सत्यदेव राम, सुदामा प्रसाद और महबूब आलम नारा लगाते हुए सदन के बीच में आ गए। कुछ देर तक नारा लगाने के बाद भाकपा-माले के तीनों सदस्य सदन के बीच में ही धरना पर बैठ गए। तब राजद के भाई वीरेंद्र ने सभा अध्यक्ष से कहा कि माले के सदस्य सदन के बीच धरना पर बैठे हैं। सरकार को कम से कम उनकी बात को संज्ञान में लेना चाहिए। सभाध्यक्ष ने कहा कि सरकार ने उनकी बातों को संज्ञान में लिया है। सभाध्यक्ष और भाई वीरेंद्र के आग्रह पर भाकपा-माले के सदस्य अपनी सीट पर वापस आ गए।
गौरतलब है कि समस्तीपुर जिले के हसनपुर थाना क्षेत्र में छह लोगों के एक महिला के साथ बलात्कार करने और वीडियो बनाने का मामला प्रकाश में आया है। इस संबंध में पीड़िता ने हसनपुर थाने में एक प्राथमिकी भी दर्ज कराई है। घटना इस वर्ष 09 जुलाई की बताई जाती है।