तेजस्वी के इफेक्ट से उबर नहीं पाया NDA का बिहार बजट
तेजस्वी के इफेक्ट से उबर नहीं पाया NDA का बिहार बजट। पिछली सरकार के गरीब परिवारों को रोजगार के लिए दो-दो लाख सहित अन्य लोकप्रिय योजनाएं जारी।
बिहार में एनडीए की नई सरकार बनने के बाद मंगलवार को उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने अपना पहला बजट पेश किया। 2.78 लाख करोड़ का बजट पेश किया गया। बजट पर महागठबंधन सरकार की छाप स्पष्ट देखी जा सकती है। महागठबंधन सरकार ने जाति गणना के बाद गरीबों, पिछड़ों तथा अतिपिछड़ों के विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की थीं। इसमें हर गरीब परिवार को अपना रोजगार खड़ा करने के लिए दो-दो लाख रुपए सहायता देना शामिल है। इस बजट में भी उसे जारी रखा गया है। महागठबंधन सरकार का जोर कमजोर वर्गों के आर्थिक विकास पर था, उसे जारी रखते हुए इन वर्गों के विकास पर सरकार बजट का 38 प्रतिशत खर्च करेगी।
महागठबंधन सरकार और खासकर तेजस्वी यादव का पूरा जोर नौकरी-रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने पर था। एनडीए सरकार का बजट तेजस्वी इफेक्ट से उबर नहीं सकी है। कोई नई लोकप्रिय योजना के बजाय तेजस्वी यादव के कार्यों को जारी रखा गया है। सम्राट चौधरी ने कहा 2024-25 के कुल बजट की 63.46 प्रतिशत राशि विकास मदों में कर्णांकित की गई है।
बजट में महादलित विकास के लिए 492 करोड़, अनुसूचित जाति के भवन के लिए 341 करोड़ तथा मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के लिए 252.83 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। इसी के साथ मुख्यमंत्री के खास प्रोजेक्ट सात निश्चय-दो के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 5040 करोड़ रुपये खर्च का प्रावधान किया गया है। हर घर नल का जल योजना का लाभ 1.85 लाख घरों तक पहुंचाया जा चुका है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 1295 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 31 जनवरी 2024 तक 4766 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया है। आगामी वित्तीय वर्ष में इस योजना के लिए 700 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। बजट पेश करते हुए सम्राट चौधरी ने बताया कि राज्य में गरीबी दर में 18.13 गिरावट दर्ज किया गया है, जबकि देश में गिरावट की दर 9.89 प्रतिशत है।
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