संयुक्त मुस्लिम मोर्चा के भाजपा को समर्थन देने पर शहजाद का विरोध
संयुक्त मुस्लिम मोर्चा के भाजपा को समर्थन देने पर शहजाद का विरोध। जन अधिकार पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष ने किया विरोध।
जन अधिकार पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मुहम्मद शहजाद ने संयुक्त मुस्लिम मोर्चा एवं पिछड़ा मुस्लिम मोर्चा द्वारा भाजपा को सशर्त समर्थन देने की घोषणा पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कहा कि वे साफ छिपते भी नहीं और सामने आते भी नहीं, ये कैसा पर्दा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं। उन्होंने कहा कि डॉ. एजाज़ अली राईन जितना चाहे लीपापोती करें, लेकिन सब जानते हैं कि पिछड़ा मुस्लिम मोर्चा और संयुक्त मुस्लिम मोर्चा के निर्माता भी वही हैं और मालिक भी। वे दरअसल अनुच्छेद 341 की आड़ में दोबारा मंत्री बनकर सत्ता का सुख भोगना चाहते हैं। भले ही पूर्व सांसद के तौर पर उन्हें करोड़ों रुपये के तमाम तरह के लाभ और सुविधाएं दी गई हों। मिल रही हैं। इसके बावजूद वे फिर से सत्ता सुख के लिए लालायित हैं।
इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव कॉमरेड सी. राजेश्वर राव ने अनुच्छेद 341 का मामला 1974 में उठाया था। नीतीश कुमार ने इस आवाज को संसद में उठाने और इसे लागू करने के लिए डॉ. इजाज अली और अनवर अली अंसारी दो सदस्यों को संसद में भेजा था। अली एक कार्यकाल के लिए और अनवर अली दो कार्यकाल के लिए सांसद थे लेकिन इस अनुच्छेद 341 के लिए कुछ नहीं किया और पिछड़े वर्ग के लिए एक शब्द भी नहीं कहा।
शहजाद ने कहा कि हमेशा अपना उल्लू सीधा करने वाले कैसे उनके आदरणीय और प्रशंसित मोदीजी बन गए। मोदी जी लगातार कपड़ों के साथ और धार्मिक पहचान को लेकर मुसलमानों को निशाना बनाते रहे हैं। शहजाद ने यह भी जानना चाहा है कि दिल्ली की जामा मस्जिद के साथ-साथ 123 बंदोबस्ती इकाइयों पर भी कब्जा क्यों करना चाहते हैं? और यह सवाल मोदी जी से है। डॉ. एजाज अली और अनवर अली अपने आका से क्यों नहीं पूछते कि संविधान के अनुच्छेद 341 से धार्मिक प्रतिबंध क्यों नहीं हटाते। मुसलमान, चाहे अगड़े हों या पिछड़े सभी अच्छी तरह से जानते हैं कि मोदी जी उनका कुछ भी भला नहीं करने वाले हैं। इसलिए वे बिचौलिये जैसे लोगों से सावधान रहेंगे क्योंकि वे जानते हैं कि इस बार मोदी जी की सरकार जाने वाली है।
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