संघ प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण पर बदले सुर, RJD ने ऐसे घेरा

संघ प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण पर बदले सुर, RJD ने ऐसे घेरा। भागवत पहले कहते थे आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए। अब अचानक पलट क्यों गए?

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में कहा कि वे संविधान में दिए गए आरक्षण का पूरा समर्थन करते हैं। आरक्षण तब तक जारी रहना चाहिए, जबतक समाज में जातिगत भेदभाव है। संघ का यह बदला हुआ रूप है। अब तक वे कहते थे कि आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए। उनके समर्थक आज भी कहते हैं कि आरक्षण की व्यवस्था अनंत काल तक नहीं चल सकती। इसे अब खत्म करने का समय आ गया है। आरक्षण देना ही है तो गरीब को मिलना चाहिए चाहे वह किसी जाति का हो। अब संघ प्रमुख ने अपना बयान बदल दिया है। संघ प्रमुख के बदले बयान पर राजद ने सवाल उठाए हैं।

संघ प्रमुख ने यह भी कहा कि हमारे यहां भेदभाव पिछले दो हजार वर्षों से है। उन्हें समानता का दर्जा नहीं दिया गया। इसे बदलना होगा। हालांकि वे पहले कह चुके हैं कि जाति प्रथा अंग्रेजों की दी हई है।

आरएसएस प्रमुख के बयान पर राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज कुमार झा ने सवाल उठाया कि अगर संघ आरक्षण का समर्थन करता है, तो जाति गणना का विरोध क्यों करता है, आना-कानी क्यों करता है। संघ को जाति विनाश, सामाजिक न्याय को दुविधा क्यों रहता है। स्पष्ट है कि संघ के मन में कुछ है और मुंह में कुछ और।

इधर राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने संघ और भाजपा पर जबरदस्त हमला किया। कहा कि बीजेपी के लोग नफरत और हिंसा फैलाने के लिए धर्म का प्रयोग करते है ना कि शांति, प्रेम, सौहार्द, समानता और समृद्धि के लिए। हिंदू-मुस्लिम करने एवं मंदिर तोड़ने या बनाने से किसी का पेट नहीं भरेगा उसके लिए आपको नौकरी-रोजगार देना होगा।

राजद ने पहले भी कहा है कि संघ और भाजपा आरक्षण को समाप्त कर देना चाहते हैं। आरक्षित पदों पर नियुक्ति नहीं की जाती और निजीकरण के जरिये आरक्षण का महत्व ही खत्म कर देने की साजिश की जा रहा है। नौकरी के अवसर भी कम किए जा रहे हैं। नौकरी ही नहीं रहेगी, बहाली ही नहीं होगी, तो आरक्षण किस काम का रह जाएगा।

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By Editor


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