बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने आज बताया कि 4900 करोड़ रुपये की लागत वाली कोसी-मेची लिंक परियोजना को केंद्र सरकार से शीघ्र स्वीकृति मिलने की उम्मीद है और इससे राज्य को 210516 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की अतिरिक्त क्षमता हासिल हो जाएगी।
श्री झा ने विधानसभा में जल संसाधन विभाग की बजटीय मांग पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि उम्मीद है कि केंद्र सरकार 4900 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी कोसी-मेची नदी लिंक परियोजना को शीघ्र मंजूरी दे देगी। इससे राज्य में 210516 हेक्टेयर भूमि के लिए अतिरिक्त सिंचाई क्षमता प्राप्त करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि इस परियोजना को केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से भी स्वीकृति लेना शेष है ।
मंत्री ने कहा, “मैंने इस वर्ष 17 जून को व्यक्तिगत रूप से केंद्रीय जल संसाधन मंत्रायल से इस परियोजना को स्वकृति देने का आग्रह किया है। साथ ही इस परियोजना की मंजूरी की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए आवश्यक आंकड़े राष्ट्रीय जल विकास प्राधिकरण से पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को भेज दिये गये हैं।“ उन्होंने बताया कि सकरी-नाटा नदी लिंक परियोजना भी मंजूरी के लिए केंद्रीय जल आयोग के विचाराधीन है। इस सिलसिले में आयोग की 28 जून को एक उच्चस्तरीय बैठक भी हुई है।
श्री झा ने कहा कि बिहार जल संसाधन के मामले में कभी धनी माना जाता था और खासतौर से उत्तर बिहार लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण अब यह क्षेत्र भी जल संकट की चुनौतियों से जूझ रहा है। उन्होंने बताया कि मिथिलांचल में भूमिगत जल का स्तर काफी नीचे चला गया है, जो पहले कभी किसी ने सोचा भी नहीं था।
श्री झा ने कहा कि 21 जून को हुई उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को वर्षा जल संचयन के साथ ही अशुद्ध जल के प्रबंधन के लिए उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि उनका विभाग वर्षा जल संचयन, अपशिष्ट जल के प्रबंधन और भूमिगत जल संरक्षण से संबंधित सभी योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर विपक्ष के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए। विपक्षी सदस्यों की अनुपस्थिति में सदन ने जल संसाधन विभाग की 36 अरब 52 करोड़ 30 लाख 15 हजार रुपये की बजटीय मांग को ध्वनिमत से पारित कर दिया।