12 साल से पर्दे के पीछे रहे राजद के रणनीतिकार अब जाएंगे राज्यसभा
12 साल से पर्दे के पीछे रहे राजद के रणनीतिकार अब जाएंगे राज्यसभा। तेजस्वी के सबसे भरोसेमंद संजय यादव जाएंगे राज्यसभा। मनोज झा भी होंगे प्रत्याशी।
राजद ने बुधवार शाम राज्यसभा के लिए अपने दो प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। राजद के लिए पिछले 12 साल से पर्दे के पीछे से रणनीतिकार की भूमिका निभा रहे संजय यादव को पार्टी ने राज्यसभा भेजने का निर्णय लिया है। पार्टी ने मनोज झा को फिर से राज्यसभा भेजने का भी फैसला लिया है। मनोज झा के बारे में पहले से माना जा रहा था कि पार्टी उन्हें फिर भेजेगी। दूसरे नाम पर अटकलें लग रही थीं। अब पार्टी ने आधिकारिक तौर पर घोषणा कर दी है।
संजय यादव की भूमिका को एक लाइन में समझा जा सकता है कि जब 2015 बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू के लिए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर काम कर रहे थे, तब राजद के लिए पर्दे के पीछे रह कर दिन-रात करने वाले संजय यादव ही थे। प्रशांत किशोर जितनी सीटें जदयू के लिए जिता सके, कहीं उससे ज्यादा सीटें जीतने में राजद सफल रहा था और तब पूरी रणनीति संजय यादव ही तैयार कर रहे थे। पिछले 2020 विधानसभा चुनाव में भी महागठबंधन बहुमत के करीब पहुंच गया था, तो उसके पीछे भी संजय यादव ही थे। वे पार्टी के हर मोड़ पर पर साथ रहे और हर संकट से बाहर निकाला।
आज तेजस्वी यादव और राजद की छवि नौकरी देनेवाले नेता और पार्टी की है, तो इसके पीछे भी संजय यादव का ही दिमाग काम कर रहा है। पार्टी अब हर वर्ग को साथ लेकर चल रही है, जनता के वास्तविक मुद्दों पर जोर दे रही है और ए टू जेड की पार्टी बन रही है, तो इसके पीछे भी संजय यादव ही लगातार काम कर रहे हैं। संजय यादव दरअसल तेजस्वी यादव की छाया की तरह साथ रहते हैं। खास बात ये ही कि वे बड़बोले नहीं हैं। शांति से अपना काम करते रहते हैं। खुद का प्रचार कभी नहीं किया और तेजस्वी यादव के लिए ही पूरी तरह समर्पित रहे हैं।
वहीं मनोज झा राजद के मुखर प्रवक्ता हैं। राजद की राष्ट्रीय भूमिका, संसद में भूमिका को अच्छे ढंग से निभाया है। दिल्ली में वे पार्टी के फेस बन गए हैं। कभी विवादों में नहीं रहे और न ही कभी किसी तरह का आरोप लगा। बेदाग छवि वाले मनोज झा को पार्टी ने फिर से राज्यसभा भेजने का निर्णय लिया है।
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