संकट में श्रीलंका, इमर्जेंसी लगी, लगता है कम हैं महंगाई समर्थक

श्रीलंका में पेट्रोल 73 रुपए लीटर है, लेकिन पूरा देश महंगाई के खिलाफ आंदोलित है। आपातकाल लागू हुआ। लगता है वहां महंगाई समर्थक कम हैं?

कुमार अनिल

आज हमारा पड़ोसी श्रीलंका गहरे संकट में है। लोग महंगाई के खिलाफ आंदोलित हो गए हैं। श्रीलंका में रह रहे हर मूल के निवासी सड़क पर आंदोलन कर रहे हैं। पुलिस ने जगह-जगह आंसू गैस के गोले छोड़े हैं। यह अच्छा है कि अब तक कहीं से फायरिंग की खबर नहीं है। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने पूरे श्रीलंका में इमर्जेंसी लगा दी है। जुलूस-प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। इसके बावजूद लोग विरोध प्रकट कर रहे हैं।

दो दिन पहले राहुल गांधी ने ट्वीट किया था कि अफगानिस्तान में 66.99, पाकिस्तान में 62.38, श्रीलंका में 72.96, बांग्लादेश में 78.53, भूटान में 86.28, नेपाल में 97.05 और दिल्ली में 101.81 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल है। राहुल गांधी ने यह नहीं बताया था कि पटना में 114 रुपए लीटर पेट्रोल है। दिल्ली में प्रति व्यक्ति आय ज्यादा है या बिहार में? बिहार में गरीबी होते हुए भी दिल्ली से महंगा पेट्रोल लोग आराम से खरीद रहे हैं।

पटना में क्या, पूरे भारत में महंगाई कोई मुद्दा ही नहीं है। कांग्रेसवाले महंगाई-मुक्त भारत अभियान चला रहे हैं। उन्हें न अखबार जगह दे रहे हैं और न ही टीवी वाले दिखा रहे। किसी ने सोशल मीडिया पर महंगाई पर कुछ लिखा, तो इतने लोग महंगाई के लिए रूसी हमले तथा मनमोहन सिंह की नीतियों को दोषी ठहराने लगते हैं कि आपको चुप होना पड़ेगा। अगर फिर भी किसी ने कुछ कहा, तो उसे बता दिया जाएगा कि आपकी आमदनी भी तो बढ़ी है। ले-देकर महंगाई अब भारत में कोई मुद्दा ही नहीं रही। यहां तो विपक्ष ही परेशान है। वैसे श्रीलंका में भी विपक्षी दल आंदोलन की अगुवाई नहीं कर रहे, बल्कि आम लोग खुद ही सड़क पर हैं।

शुक्रवार रात को इमर्जेंसी की घोषणा करते हुए राजपक्षे ने आंदोलनकारियों को उग्रवादी कहा, लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ। भारत में विरोध कर रहे लोगों को आंदोलनजीवी कह कर ही चुप करा दिया गया।

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