संसद में कांग्रेस ने महिला आरक्षण बिल पर बनाया जबरदस्त दबाव
संसद में कांग्रेस ने महिला आरक्षण बिल पर बनाया जबरदस्त दबाव। पार्टी अध्यक्ष खड़गे राज्यसभा में बोले, इसी सत्र में पास हो बिल। संसद के बाहर भी बना मुद्दा।
संसद के विशेष सत्र में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने महिला आरक्षण बिल पास करने के लिए मोदी सरकार पर जबरदस्त दबाव बनाया। लोकसभा में भी कांग्रेस ने इस मुद्दो को उठाया। यही नहीं, सदन के बाहर भी कांग्रेस ने प्रेस वार्ता करके महिला आरक्षण बिल को इसी सत्र में पास करने की मांग उठाई।
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा कि हम बहुत दिनों से महिला आरक्षण बिल लाने की कोशिश कर रहे हैं। इस समय राज्यसभा में 10 प्रतिशत महिला और लोकसभा में 14 प्रतिशत महिला सांसद हैं। वहीं विधानसभाओं में महिलाओं की भागीदारी 10 प्रतिशत है। 1952 में नेहरू जी के प्रधानमंत्री काल में केवल 5 प्रतिशत महिलाएं सांसद थीं, लेकिन 70 साल बाद भी यह आंकड़ा 14 प्रतिशत से 15 प्रतिशत के अंदर ही है।
कांग्रेस ने कहा कि पार्टी महिलाओं की सार्थक भागीदारी और साझी जिम्मेदारी का महत्व समझती है। इसलिए कांग्रेस के लिए महिला सशक्तिकरण महज कोई चुनावी शब्द नहीं, एक दृढ़ निश्चय रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1989 में पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिलाओं के एक तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया। यह विधेयक लोकसभा में पारित हो गया, लेकिन राज्यसभा में पास न हो सका।
1993 में प्रधानमंत्री पी.वी नरसिम्हा राव जी ने पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिलाओं के एक तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक को फिर से पेश किया। दोनों विधेयक पारित हुए और कानून बन गए। नतीजा, आज पंचायतों और नगर पालिकाओं में 15 लाख से अधिक निर्वाचित महिला प्रतिनिधि हैं। आधी आबादी की इस बेहतरीन भागीदारी ने महिला सशक्तिकरण से जुड़े हमारे आत्मविश्वास को और बढ़ा दिया। इसलिए… महिलाओं के लिए संसद और विधानसभाओं में एक तिहाई आरक्षण के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी संविधान संशोधन विधेयक लेकर आए। यह विधेयक 9 मार्च 2010 को राज्यसभा में पारित हुआ, लेकिन लोकसभा में न जा सका। राज्यसभा में पारित हुए विधेयक समाप्त नहीं होते, इसलिए महिला आरक्षण विधेयक अभी भी एक्टिव है। पिछले 9 साल से महिला आरक्षण का यह विधेयक लोकसभा में पास होने की राह देख रहा है, लेकिन महिला विरोधी मानसिकता से ग्रसित मोदी सरकार इसे अनदेखा कर रही है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और CPP चेयरपर्सन सोनिया गांधी जी कई बार महिला आरक्षण विधेयक को पारित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को पत्र लिख चुकी हैं। साथ ही पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी इस विषय पर प्रधानमंत्री को पत्र लिख चुके हैं। हाल ही में हुई CWC की बैठक में भी महिला आरक्षण को लागू करने का प्रस्ताव पारित किया गया है। इसलिए देश की करोड़ों महिलाओं की तरफ से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की मांग है कि राज्यसभा से पारित हो चुके महिला आरक्षण विधेयक को लोकसभा से भी पारित किया जाए। देश की आधी आबादी को उसका पूरा हक दिया जाए।
नीतीश ने जिलाध्यक्षों की फिर बुलाया, तेजस्वी करेंगे जिलों का दौरा