अशफाक रहमान ने की आवाज पर हजारों ने कहा लबबैक,CAA के खिलाफ फूका बिगुल
पिछले डेढ़ महीने से CAA के खिलाफ चल रहे आंदोलन को आज एख नयी धार मिली. संविधान बचाओ देश बचाओ के नारे के साथ पटना के कृष्ण मेमोरियल हॉल में क्षमता से तीन गुणा ज्यादा लोग जुट गये. करीब पांच घंटे तक चले इस सम्मेलन में न आम लोग टस से मस हुए और न ही वक्ताओं ने गरजना छोड़ा.
हम कागज नहीं लिखायेंगे
नागरिकता संशोधन कानून (CAA), NPR प्रस्तावित NRC के खिलाफ संविधान बचाओ मोर्चा ने अशफाक रहमान व मौलाना अनीसुर रहमान कासमी के आह्वान पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया था. इस दौरान तमाम वक्ताओं ने एकसुर में कहा कि चाहे कुछ भी हो वह नागरिकता के काले कानून को हटाने तक संघर्ष जारी रखेंगे. इस कार्यक्रम में बिहार के अलावा बाहर के वक्ताओं ने भी धारदार तकरीर की और कहा कि सबसे पहले अप्रैल में एनपीआर का काम शुरू होगा. हमें सबसे पहले इसको असफल करना है और किसी भी हाल में एनपीआर में हमें अपनी कोई जानकारी नहीं देनी है. पूनावाला ने जोश दिलाते हुए कहा एनपीआर नागरिकता कानून से जुड़ा मामला है और हमें इस दौरान एनपीआर का बहिष्कार करना होगा.
नयी लीडरशिप की उभार
अशफाक रहमान का कहना है कि हमें इस आंदोलन को सफल होने तक जारी रखना है. हमें अपनी जानों की कुर्बानी देनी पड़े तो हम देंगे लेकिन हम किसी भी सूरत में इस कानून के खात्मे तक लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के काले कानून के खिलाफ महात्मागांधी ने सत्याग्रह किया. अवज्ञा का आंदोलन चलाया. हम भी इस देश के सेक्यलरिज्म को, इस देश के संविधान को और इस देश को बचाने के लिए महात्मा गांधी का अनुसरण करते हुए इस कानून की अवज्ञा करेंगे. इस कानून की नाफरमानी करेंगे.
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NRC से कितना डैमेज होगा हिंदुओं का दलित, पिछड़ा व आदिवासी समाज
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अशफाक रहमान ने मुसलमानों की समस्याओं की असल जड़ लीडरशिप की कमी बताया. उन्होंने कहा कि हमें अपनी लीडरशिप आगे बढ़ानी होगी और दलितों, पिछड़ों व शोषितों के साथ आगे की लड़ाई लड़नी होगी.
इस अवसर पर संविधान बचाओ मोर्चा के अध्यक्ष मौला अनीसुर रहमान कासमी ने कहा कि हम अपने आंदोलन को जनजन तक पहुंचायेंगे. लोगों का जोगरूरक करेंगे और इस काले कानून के खात्मे तक लड़ेंगे.
इस अवसर पर JNU के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद ने कहा कि बहुसंख्यकवाद की घातक सोच इस देश को नुकसान पहुंचा रही है और के खिलाफ हमें तमाम वर्गों के साथ मिल कर लड़ाई लडनी होगी.