सरकार बोली शहीद किसानों का आंकड़ा नहीं, किसान बोले शर्मनाक
संसद में मोदी सरकार ने कहा कि आंदोलन के दौरान शहीद किसानों का आंकड़ा उसके पास नहीं है। किसान एकता मोर्चा ने निंदा की। जारी किया बयान।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कोविड के दौरान लॉकडाउन की घोषणा की थी, जिसके कारण लाखों लोग पैदल घर जाने को मजबूर हुए थे। हजारों लोग रास्ते में ही मर गए थे। तब भी मोदी सरकार के पास इन गरीब मृतकों का आंकड़ा नहीं था, इसलिए किसी परिवार को एक पैसे की मदद सरकार ने नहीं दी। अब संसद में सरकार ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान शहीद किसानों का आंकड़ा उसके पास नहीं है।
आज संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रेस बयान जारी कर सरकार के इस रवैये की कड़ी निंदा की है। मोर्चा ने कहा कि सरकार यह कह कर नहीं बच सकती कि आंदोलन के दौरान शहीदों का आंकड़ा नहीं है, इसलिए आर्थिक मदद का सवाल ही नहीं उठता। मोर्चा ने फिर से इस बात पर जोर दिया कि आंदोलन के दौरान शहीद हुए 689 किसानों के परिजनों को मुआवजा देना होगा।
संयुक्त किसान मोर्चा ने मीडिया से कहा कि वह उन दुष्प्रचारों में न फंसे कि तीन कानून वापस होने के बाद किसान आंदोलन खत्म होने के कगार पर है। मोर्चा ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह किसान संगठनों में मतभेद पैदा करने की कोशिश कर रही है।
मोर्चा ने मोदी सरकार की इस बात के लिए भी कड़ी आलोचना की कि सरकार किसानों की अन्य मांगों, एमएसपी पर कानून बनाने पर बातचीत की कोई पहल नहीं कर रही है।
आज किसान नेता राकेश टिकैत अमृतसर पहुंचे। उन्होंने स्वर्ण मंदिर में मत्था टेका और तीन कानून पर जीत के बाद एमएसपी पर कानून के लिए मन्नत मांगी। टिकैत ने बाद में पत्रकारों से कहा कि किसानों पर दर्ज मुकदमों की वापसी, एमएसपी पर कानून तथा अन्य मांगों के लिए आंदोलन जारी रहेगा।
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