सत्ता गलियारे में चर्चा, फिर नीतीश का दामन थामेंगे कुशवाहा
सत्ता गलियारे में चर्चा, फिर नीतीश का दामन थामेंगे कुशवाहा। एनडीए में सम्मान नहीं मिलना बड़ा कारण। हाल में नीतीश के खिलाफ भाजपा उग्र, कुशवाहा चुप।
पटना के सत्ता गलियारे में चर्चा है कि उपेंद्र कुशवाहा एक बार फिर नीतीश कुमार का दामन थामने वाले हैं। कहा जा रहा है कि एनडीए में कुशवाहा जिस सम्मान के लिए गए थे, वो सम्मान एनडीए ने नहीं दिया। वे जदयू से निकल कर भाजपा के साथ गए थे। उन्होंने अपनी अलग पार्टी बनाई-राष्ट्रीय लोक जनता दल। बाद में भाजपा ने सम्राट चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। उसके बाद से ही कहा जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा की उपेक्षा शुरू हुई और खुद कुशवाहा भी एनडीए में सहज नहीं रहे।
नीतीश कुमार के विधानसभा में प्रजनन दर वाले भाषण के बाद भाजपा ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया। महिलाओं का अपमान कहा। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नीतीश कुमार के खिलाफ कहा कि वे महिलाओं का अपमान कर रहे हैं। बिहार में भाजपा के सहयोगी लोजपा के नेता चिराग पासवान तथा हम के नेता जीतनराम मांझी लगातार नीतीश कुमार के खिलाफ बोल रहे हैं, लेकिन उपेंद्र कुशवाहा इस पूरे प्रकरण में मौन बने रहे। सात नवंबर को नीतीश कुमार के विधानसभा में प्रजनन दर पर दिए भाषण को उपेंद्र कुशवाहा ने शेयर किया, लेकिन अपनी तरफ से एक शब्द नहीं लिखा। सिर्फ पांच पंक्तियों में डॉट-डॉट करके छोड़ दिया। उसके बाद से उन्होंने नीतीश कुमार के खिलाफ एक शब्द नहीं कहा है। इसी से इस चर्चा को आधार मिल रहा है कि कुशवाहा और नीतीश कुमार के बीच कुछ पक रहा है।
उपेंद्र कुशवाहा के फिर से नीतीश के साथ आने की चर्चा पर दो तरह की प्रतिक्रिया आ रही है। कुछ लोग कह रहे हैं कि बार-बार अलग होने तथा फिर नीतीश के साथ आने से कुशवाहा की प्रतिष्ठा कम हुई है। जदयू में आए, तो उनकी प्रतिष्ठा और भी कम होगी। उन्होंने नीतीश कुमार के राजद के साथ गठबंधन बनाने का विरोध किया था। भाजपा उन्हें भी पल्टू राम कहेगी। वहीं कुछ अन्य लोग मान रहे हैं कि कुशवाहा अगर जदयू में आए, तो भाजपा को नुकसान होगा तथा जदयू को बल मिलेगा।
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