SC में Caste Census के खिलाफ सुनवाई 20 को, ललन सिंह गरजे

बिहार में जारी Caste Census पर संकट। जातीय जनगणना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर। 20 को सुनवाई। जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने भाजपा को दी चुनौती।

बिहार सरकार द्वारा शुरू किए गए जातीय जनगणना पर अचानक संकट के बादल छाए। सुप्रीम कोर्ट में जाति जनगणना के खिलाफ याचिका दायर हुई। अरजेंट सुनवाई की अपील भी की गई। सुप्रीम कोर्ट ने 20 को सुनवाई की तारीख दी है। इधर, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भाजपा पर सीधा आरोप लगाया है। कहा कि वह नहीं चाहती कि बिहार में जाति जनगणना हो और अतिपिछड़ों-पिछड़ों को न्याय मिले। उन्होंने भाजपा को चुनौती दी कि अगर वह जाति जनगणना के पक्ष में है तो अटार्नी जनरल को इसके पक्ष में सुप्रीम कोर्ट में खड़ा करे।

बार एंड बेंच की खबर के अनुसार, बिहार में जाति जनगणना के खिलाफ दो याचिकाएं दायर हुई हैं। एक याचिकाकर्ता अखिलेश कुमार ने जाति जनगणना के खिलाफ दायर याचिका में कहा कि बिहार सरकार का फैसला गैरकानूनी, मनमाना, अतार्किक और असंवैधानिक है, इसीलिए इस पर तत्काल रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट अरजेंट सुनवाई करे। सुप्रीम कोर्ट ने अरजेंट सुनवाई की अपील को स्वीकार कर लिया। 20 जनवरी को सुनवाई होगी।

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सीधा भाजपा पर आरोप लगाया। भाजपा नहीं चाहती की बिहार में अतिपिछड़ों को उसका हिस्सा मिले।

ललन सिंह ने कहा, जब राष्ट्रीय स्तर पर जातीय गणना की मांग केंद्र सरकार ने अस्वीकार कर दिया तब 6 महीना तक अड़ंगा लगाने के बाद श्री @NitishKumar जी एवं श्री @yadavtejashwi जी के दबाव में बिहार सरकार को अपने खर्च पर जनहित में जातीय गणना करवाने की सहमति मिली थीं। अब यह कार्य प्रगति पर तो भाजपा षड्यंत्र कर परोक्ष तौर पर सुप्रीम कोर्ट के बहाने इसे रुकवाने पर तुली है। यदि ये वाकई में बिहार में हो रही जातीय गणना के पक्षधर हैं तो सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के खिलाफ़ भारत के अटॉर्नी जनरल को खड़ा करें अन्यथा इनका दोहरा चरित्र जगजाहिर है।अब देश के सामने एक ही विकल्प है “2024 में बड़का झुट्ठा पार्टी (B.J.P) मुक्त भारत” ।

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By Editor