सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक फैसले में एससी-एसटी रिजर्वेशन के भीतर श्रेणी बनाने पर सहमति दे दी। अब राज्य सरकारें एससी-एसटी को बांट कर आरक्षण दे सकेंगी। इस फैसले पर राजद ने असहमति जताई है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने एक वीडियो-बयान जारी कर फैसले पर असहमति जताई है।
राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि उनकी पार्टी सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बहुत हद तक सहमत नहीं है। कहा कि यह पूना पैक्ट-1932 के निर्णयों और संविधान सभा के विचारों के अनुकूल नहीं है। देश में जाति आधारित गणना जरूरी है। किस जाति की क्या स्थिति है, शैक्षणिक-सामाजिक स्थित क्या है, उसका वैज्ञानिक आंकड़ा देश के पास उपलब्ध नहीं है। हम संसद के भीतर लगातार मांग करते रहे हैं कि देश में जाति गणना कराई जाए। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने संसद में जाति गणना की मांग उठाई थी। इसके बाद पांच हजार करोड़ रुपए का उपबंध किया गया था जाति आधारित गणना के लिए। जाति आधारित गणना कराई भी गई, लेकिन तत्कालीन मंत्री अरुण जेटली ने इसका आंकड़ा जारी करने से मना कर दिया। राजनाथ सिंह ने भी जाति गणना कराने की बात स्वीकार की थी, लेकिन वे संसद में जा कर पलट गए।
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राजद, कांग्रेस, माले सांसदों ने किस बात को लगाए नारे
राजद प्रवक्ता ने कहा कि जब तक जाति गणना और उसकी रिपोर्ट नहीं आ जाती है, तब तक सुप्रीम कोर्ट के फैसले को हम संविधान सभा तथा पूना पैक्ट के फैसले के अनुरूप नहीं देखता हूं। उन्होंने कहा कि इस मामले में राजद का स्टैंड साफ है।