इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज शेखर यादव के सांप्रदायिक भाषण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान ले लिया है। जज ने कहा था कि देश बहुसंख्यकों की इच्छा से चलेगा। उन्होंने मुस्लिम समाज पर भी नफरत भरी टिप्पणी की थी। लाइव लॉ के अनुसार कोर्ट ने अखबार में छपी खबर के आधार पर संज्ञान लिया है।वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया से मामले में संज्ञान लेने का अनुरोध किया था। इसके कुछ देर के बाद सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से उक्त जज के भाषण की विस्तृत जानकारी मांगी है। जानकारी मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट उक्त जज के खिलाफ फैसला ले सकता है। जज ने न सिर्फ भारत के संविधान के खिलाफ भाषण देते हुए कहा कि देश बहुसंख्यक की इच्छा से चलेगा, बल्कि मुस्लिम समाज को संकीर्ण और ओछा भी बताया। उन्होंने हिंदू और मुस्लिम समाज की तुलना करते हुए मुस्लिम समाज को नीचा बताया। वे विहिप के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।
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जज बोले बहुसंख्यकों के हिसाब से चलेगा देश, विरोध में उठी आवाज
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