स्कूल में प्रवेश से पहले बुर्का उतारने पर मजबूर, वीडियो वायरल
कर्नाटक में स्कूल में प्रवेश से पहले गेट पर ही महिलाओं को बुर्का उतारने पर होना पड़ा मजबूर। वीडियो वायरल। लोगों ने कहा, यह शर्मनाक है।
कर्नाटक के मांड्या जिले में प्रशासन के आदेश के बाद अजीब स्थिति हो गई है। जिसा प्रशासन ने आदेश दिया है कि कोई भी महिला चाहे वह शिक्षिका हो या अपने बच्चे को स्कूल पहुंचाने आई हो, उसे बुर्का उतारने पर ही कैंपस में प्रवेश की इजाजत मिलेगी। इसके बाद एक वीडियो तेजी से वायरल है, जिसमें एक महिला अपनी छोटी बच्ची के साथ स्कूल के गेट पर पहुंचती है। उसे गेट पर ही अपना बुर्का उतारना पड़ता है। इसके बाद वह भीतर जा पाती है। इसी वीडियो में दिख रहा है कि एक महिला स्कूल के गेट पर स्कूटी से आती है। वह भी अपना बुर्का उतार रही है। पत्रकार, समाजसेवी, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस प्रकार महिलाओं के मजबूर करने पर इसे शर्मनाक कहा है। पत्रकार इमरान खान ने यह वीडियो शेयर किया है-
#Mandya dist administration has instructed even the teachers to be not allowed inside campus with #hijab. They should remove the hijab at the gate itself before entering school or college. #KarnatakaHijabRow #HijabControversy #Karnataka pic.twitter.com/bt33RTTmgp
— Imran Khan (@KeypadGuerilla) February 14, 2022
लेखिका राना शफवी ने इस प्रकार महिलाओं को बुर्का उतापने पर मजबूर किए जाने पर कहा- यह महिलाओं की मर्यादा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का सरासर उल्लंघन है। मैं कल्पना तक नहीं कर पा रही कि सबके सामने इस प्रकार अपना बुर्का उतारते हुए उस महिला पर क्या गुजरी होगी। यह भयानक स्थिति है।
इसी प्रकार फिल्मकार फराज आरिफ अंसारी ने कहा- सुबह होने से पहले हमेशा गहरा अंधेरा छा जाता है। हो सकता है, हमारे समय का यह सबसे अंधियारा वक्त हो, जब व्यक्ति की निजी स्वतंत्रता कुचली जा रही है। यह शर्मनाक है। यह मर्मभेदी है। फराज को एक हिंदुत्ववादी ने लिखा-क्या आपको कोर्ट पर भरोसा नहीं है। जवाब में फराज ने ठीक ही लिखा कि उन्हें देश के संविधान पर भरोसा है, जो व्यक्ति को चाहे वह किसी भी धर्म का हो, समान अधिकार देता है। मुझे देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे पर विश्वास है, जो हर किसी को अपनी इच्छा से पहनावा तय करने का अधिकार देता है। साथ ही कई मानवाधिकार संगठनों से जुड़े व्यक्तियों ने भी जिला प्रशासन के इस निर्णय को अलोकतांत्रिक कहा है।
रमई राम ने लालू को, लालू ने पहला सदस्य तेजस्वी को क्यों बनाया