गृह विभाग से जारी अधिसूचना के अनुसार, अब अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अल्पसंख्यकों पर अत्याचार संबंधित मामलों के लिए बिहार राज्य के अंतर्गत आने वाले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति तथा अल्पसंख्यक थाना पटना का अधिकार क्षेत्र सीमित कर दिया गया है. अब इस पर अपराध अनुसांधन विभाग, पटना का प्रशासनिक नियंत्रण होगा. इससे पहले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति तथा अल्पसंख्यकों पर किए गए अत्याचार से संबंधित मामलों के लिए संपूर्ण बिहार निर्धारित किया गया था.
नौकरशाही डेस्क
बता दें कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति तथा अल्पसंख्यकों के मामले की सुनवाई के लिए गृह विभाग ने 25 अगस्त 1976 में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति तथा अल्पसंख्यक थाना का बनाया था, जिसका अधिकार क्षेत्र संपूर्ण बिहार था. वहीं, आज जारी अधिसूचना में कहा गया हे कि बिहार के 30 जिलों में एक – एक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति तथा अल्पसंख्यक थाना की स्थापना कर इनका क्षेत्राधिकार संबंधित जिला का संपूर्ण क्षेत्र निर्धारित किया गया है. इसलिए 1976 में स्थापित थाना के लिए पूर्व में निर्धारित क्षेत्राधिकार का कोई औचित्य नहीं रह जाता है.
इसके अलावा आज जारी अधिसूचना में हरिजन/आदिवासी शब्दों को अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति शब्दों के द्वारा प्रतिस्थापित किए जाने की बात कही गई है.