SDPI अध्यक्ष MK Faizy ने कहा है कि RTI कानून में बदलाव लोकतंत्र की योजनाबद्ध हत्या है
Social Democratic Party of India के अध्यक्ष MK FAIZY ने NIA व गैर कानूनी गतिविधि संशोधन बिल (UAPA) के बाद RTI बिल में बदलाव लोकतंत्र की योजनाबद्ध हत्या है.
SDPI के अध्यक्ष ने एक प्रेस स्टेटमेंट जारी कर कहा है कि विपक्षी दलों के कमजोर विरोध और एनडीए हुकूमत के बहुमत के बल पर पारित इन बिलों के द्वारा देश के संवैधानिक संस्थाओं को पूरी तरह से अपनी मुट्ठी में कर लिया गया है.
MK Faizy ने जारी किया स्टेटमेंट
MK Faizy ने कहा कि देश में राजनीति एक खिलवाड़ बन के रह गयी है. उन्होंने कहा कि यह हैरत की बात है कि बीजु जनता दल BJD) ने RTI संशोधन बिल का समर्थन किया. उन्होंने इस मामले में टीआरएस को भी निशाने पर लिया.
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उन्होंने कहा कि आरटीआई कानून में संशोधन करे के बाद चीफ विजिलांस कमीशनर का पद प्रधान मंत्री कार्यालय के हाथों की कठपुतली बन कर रह जायेगा. उन्होंने कहा कि इससे पहले चुनाव आयोग का हस्र हम लोग देख चुके हैं. अब चीफ विजिलांस कमीशन भी इसी रास्ते पर चल पडेगा. उन्होंने टीआऱएस और बीजेडी जैसे दलों से सवाल किया कि क्या वे इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि इससे केंद्र की अधिनायकवादी प्रवृति का स्पष्ट संकेत मिल गया है. उन्होंने कहा कि ये देश के लोकतंत्र को योजनाबद्ध तरीके से कत्ल करना है.
उन्होंने प्रेस स्टेटमेंट में कहा है कि लोकतंत्र में विरोध का अधिकार बुनियादी अधिकार है लेकिन केंद्रीय एजेंसियों को किसी भी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने का अधिकार देना इस अधिकार को समाप्त करने के समान है.
MK Faizy ने कहा कि टाडा और जैसे कानूनों को अल्पसंख्यकों और दलितों के खिलाफ खूब इस्तेमाल किया गया. लिहाजा इसमें कोई संदेह नहीं कि uapa के कानून का भी खूब नाजायज इस्तेमाल होगा.