सीमांचल में कांग्रेसियों के नाकारेपन को भांप लिया ओवैसी ने
सीमांचल में खा-पी के अघाये कांग्रेसियों के नाकारेपन का फायदा असद ओवैसी की पार्टी ने 2020 विधान सभा चुनाव में उठाया था। वैसे कांग्रेस का बिहार में 1990 में ही पतन हो चुका था। लेकिन उसके महल के खंडहर सीमांचल में बचे हुए थे। लेकिन सत्ता के माध में चूर कांग्रेसियों को एआईएमआईएम के कार्यकर्ताओं ने 2020 में ठिकाना लगा दिया। वजह यह थी कि अख्तरुल ईमान की कयादत में उनकी पार्टी ने ज़मीन पर जा कर लोगों की समस्या सुनी और उसके समाधान के प्रयास शुरू किए।
इस बीच एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी
के द्वारा कोरोना काल में भेजे गए Medical kit, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर, मेडिसिन इत्यादि को आज पूर्णिया सदर अस्पताल में सिविल सर्जन पूर्णिया के हवाले कर दिया गया ताकि इस संकट की घड़ी में लोगों की जान बच सके।
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उधर कांग्रेस के सीमांचल के नेता अपने घरों में पड़े है। बिहार में आम तौर पर कांग्रेस सक्रिय तो दिखती है लेकिन सीमांचल के पूर्णिया, किशनगंज में कांग्रेसियों को ज़मीन पर दिखना भी नदारद है। हालांकि किशनगंज एक मात्र लोकसभा क्षेत्र है जहाँ से अब भी कांग्रेस का इकलौता सांसद है।
सोचने की बात है कि ओवैसी ने हैदराबाद में रहते हुए सीमांचल के आम नागरिकों का दर्द समझ लिया लेकिन बिहार के कांग्रेसी और खास कर सीमांचल के कांग्रेसी सांसद व विधयकों को यह बात समझ नहीं आती।
ओवैसी द्वारा भेजे गए मेडिकल कीट्स को अख्तरुल ईमान के नेतृत्व में पूर्णिया के सिविल सर्जन को सौंपा गया। इस मौके पर AIMIM बिहार प्रदेश अध्यक्ष व अमौर विधायक अख्तरुल ईमान के अलावा, कोचाधामन विधायक अलहाज इजहार असफीपूर्व पूर्व मेयर हैदराबाद मेहंदीपटनम कॉरपोरेटर माजीद हुसैन , बायसी विधायक सैयद रुकनुद्दीन अहमद , बहादूरगंज विधायक अंज़ार नईमी के साथ जोकीहट विधायक शाहनवाज़ आलम मौजूद थे।