तीस सालों से बंद पड़े जमुई ज़िला के आढ़ा स्थित शाह ज़ुबैर मिमोरियल डिग्री कॉलेज को फिर से शुरु करने का प्रयास रंग ला रहा है. इस नये प्रयास से स्थानीय लोगों के बच्चे-बच्चियों की शिक्षा की चाहत पूरी होने की उम्मीद बढ़ गयी है.
उमर अशरफ
90 के दशक में इस कालेज के लिए 11 एकड़ भूमि फैसल सुलतान के पूर्वजों ने दी थी लेकिन कुछ राजनीतिज्ञों की उदासीनता के कारण शिक्षा का यह अभियान रुक गया था. लेकिन अब फैसल सुलतान की पहल से लोगों में उम्मीदों की लौ जल चुकी है. जिसका ताज़ा उदाहरण गणतंत्र दिवस के मौक़े पर शाह ज़ुबैर मेमोरियल डिग्री कॉलेज आढ़ा (जमुई) में हुए ध्वजारोहण प्रोग्राम में मौजूद थी।
ध्वजारोहण को समय हज़ारों की तादाद में स्थानीय निवासी मौजूद थे। हाल ही में शाह ज़ुबैर माइनॉरिटी एजुकेशनल ट्रस्ट का विधिवत रजिस्ट्रेशन जमुई ज़िला के पंजीकरण कार्यालय में करवाया गया था। शाह ज़ुबैर माइनॉरिटी एजुकेशनल ट्रस्ट की स्थापना के मुख्य उद्देश्य शाह ज़ुबैर मिमोरियल डिग्री कॉलेज, आढ़ा (जमुई ) की विधिवत संचालन और संबद्धीकरण करना है।
शाह ज़ुबैर मेमोरियल डिग्री कॉलेज आढ़ (जमुई) के प्रबंधक श्री डॉ सुहैल एवं श्री रेहान तारीक़ सुल्तान ने ध्वजारोहण किया।ध्वजारोहण के बाद विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।
इस मौक़े पर प्रधानाचार्य, श्री जहाँगीर आलम और प्रबंध समिति के सदस्यगण श्री अंज़ार मलिक, श्री इक़बाल, श्री फ़ख़्रुद्दीन आदि के इलावा बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे.
इस मौक़े पर प्रबंधक फ़ैसल सुल्तान ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि गणतंत्र दिवस के मौक़े पर प्रशासनिक अफ़सरों और राज नेताओं में उदासीनता के कारण कॉलेज संचालन काफ़ी कठिन प्रस्तिथि से गुज़री है लेकिन अब सारे कठनाई को दूर करते हुए कॉलेज को सुचारू रूप से चलाया जायेगा। और साथ ही इसे बिहार के नामीग्रामी कॉलेज में शुमार करने की पूरी कोशिश की जाएगी जहां अल्पसंख्यक, दलित एवं महिलाओ को शिक्षा में प्रोत्साहन दिया जायेगा.
फैसल सुलतान इस कालेज के जरिये नवादा, जमुई व शेखपुरा जिलों के रिमोट इलाके के छात्रों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयास के तहत इस सिलसिले में राज्य के विश्विद्यालयों के कुलाधिपति सह राज्यपाल से भी मिल चुके हैं. उन्होंने कहा कि उनकी मेहनत रंग ला रही है और जल्द यहां नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू होगी.