पटना उच्च न्यायालय ने बिहार में मद्य निषेध से जुड़े करीब दो लाख लंबित मामलों पर कड़ा रुख इख्तियार करते हुए राज्य सरकार से इन मामलों के निष्पादन के लिए उठाए गए कदमों पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की अध्यक्षता वाली पीठ ने आज मामले में दलीलें सुनने के बाद बिहार के मुख्य सचिव को मद्य निषेध से जुड़े करीब दो लाख लंबित मामलों के निष्पादन के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों पर विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
पीठ ने कहा कि सरकार बताए कि उसने मद्य निषेध कानून लागू करने के बाद इससे जुड़े मामलों के निष्पादन के लिए न्यायालयों-न्यायाधीशों की संख्या में वृद्धि करने और मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए हैं। पीठ ने मामले की सुनवाई के लिए 04 दिसंबर 2019 की अगली तिथि निश्चित की है।
बिहार के सभी न्यायलयों में मद्य निषेध से जुड़े करीब दो लाख मामले लंबित हैं। इनमें से केवल पटना उच्च न्यायालय में ऐसे लंबित मामलों की संख्या 36 हजार हैं।