शराबबंदी : SC की फटकार का पड़ा असर, ढीले पड़े नीतीश
हफ्ते भर पहले सुप्रीम कोर्ट(SC) ने बिहार सरकार को शराबबंदी कानून पर फटकार लगाई थी। अब नीतीश सरकार ढीली पड़ी। शराब पीने पर अब नहीं होगी गिरफ्तारी।
शराबबंदी पर जब भी कोई सवाल उठा, तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक ही बात हमेशा कहते रहे हैं-कौन क्या कहता है, इसकी वे चिंता नहीं करते। लोकतंत्र में आलोचनाओं के प्रति यद दृष्टिकोण निरंकुश ही कहा जाएगा। इस बीच पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट (SC) ने बिहार सरकार के शराबबंदी कानून पर तल्ख टिप्पणी की थी। कहा था कि कानून बनाते समय इसके परिणामों के बारे में सोचा ही नहीं गया। बिहार में हाईकोर्ट के कई जज इसी में उलझे हैं। बेल के लिए सुनवाई में एक साल का समय लग जा रहा है।
अब पहली बार नीतीश सरकार शराबबंदी कानून पर पीछे हटती दिख रही है। खबरों के मुताबिक राज्य मद्य निषेध और उत्पाद विभाग ने शराबबंदी कानून में संशोधन का प्रस्ताव तौयार कर लिया है। इसे अगले विधानसभा सत्र में सदन में पेश किया जाएगा।
शराबबंदी कानून को ढीला करते हुए अब शराब पीने पर सीधे गिरफ्तारी नहीं होगी, बल्कि पीनेवाले को आर्थिक दंड देकर छोड़ दिया जाएगा।
इसके साथ ही जिन गाड़ियों में शराब पकड़ी जाएगी, उन्हें भी फाइन देकर छोड़ दिया जाएगा। शराब के बड़े धंधेबाजों को कोई रियायत नहीं दी गई है। माना जा रहा है कि इससे कोर्ट पर मुकदमों का दबाव कम होगा।
हालांकि इसमें भी भ्रष्टाचार की आशंका बनी रहेगी। ऑन द स्पॉट आर्थिक दंड देकर छोड़ देने के मामले में भ्रष्टाचार की आशंका बनी रहेगी। इससे पहले बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी शराब की तस्करी करते पकड़े गए हैं।
इस बीच राजद ने बिहार सरकार पर तंज कसा है। राजद ने कहा-BJP-JDU में अवैध शराब से हो रही कमाई को लेकर ठन गई है! असली विवाद यही है! बाकी सब बहानेबाजी है! इस बीच बिहारशरीफ के छोटी पहाड़ी में बीते दिनों 12 लोगों की मृत्यु जहरीली शराब पीने के कारण हो गई थी। आज @RJDforIndia के प्रतिनिधिमंडल के साथ वहां पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त की व राजद की ओर से पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद किया। पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर उचित कार्यवाही करने की मांग की।
पुलिसकर्मियों की सुरक्षा के लिए नीतीश सरकार ने बनाई स्पेशल टीम