शेरो-शायरी की महफिल 27 को, धूम मचाएंगी Salma Agha
एडवांटेज केयर वर्चुअल डायलॉग सीरीज इस बार बेहद खास है। फिल्म अदाकारा व गायिका सलमा आगा की आवाज का सबको इंतजार है। साथ में कई बड़े शायर भी होंगे।
एडवांटेज केयर वर्चुअल डायलॉग सीरीज का 10वां एपिसोड काफी खास होने जा रहा है। अब तक इस कार्यक्रम में सिर्फ किसी गंभीर विषय पर चर्चा होती थी। लेकिन इस बार यह कुछ बदला-बदला रहेगा। चर्चा तो होगी ही, लेकिन साथ में मन को सुकून देनेवाले पल भी इसमें शामिल होंगे।
दरअसल, इस बार परिचर्चा में देश के जानेमाने शायर, कवि और अदाकारा शामिल होंगी। एडवांटेज केयर के संस्थापक खुर्शीद अहमद ने बताया कि रविवार 27 जून को शाम पांच से साढ़े छह बजे तक होनेवाले वर्चुअल डायलॉग सीरिज में फिल्म अदाकारा व गायिका सलमा आगा, महशूर शायरा शबीना अदीब, लेखक व शायर जौहर कानपुरी, प्रसिद्ध कवि चरण सिंह बशर, शायर काशीफ अदीब और अहमद दानिश शामिल होंगे। इस बार परिचर्चा का विषय है, ‘साहित्यिक व कवि गोष्ठियों पर कोविड का असर‘। परिचर्चा के दौरान विषय पर तो चर्चा होगी ही, साथ ही षेरो-शायरी भी होगी। कार्यक्रम जूम और यूट्यूब https://youtu.be/ITvVc3Ipu4c पर सीधा देखा और सुना जा सकता है। कोई भी व्यक्ति निःशुल्क देश व दुनिया के किसी हिस्से से इस कार्यक्रम में हिस्सा ले सकता है। कार्यक्रम को सुनने व देखने वाले मैसेज या लिखकर सवाल भी पूछ सकते हैं। कार्यक्रम का संचालन पत्रकार गौहर पीरजादा करेंगे।
जुड़े रहना मकसदः शबीना अदीब
‘रात दिन आप चरागों को जलाते क्यूं हैं, घर चरागों से नहीं प्यार से रौशन होगा‘, जरा सा कुदरत ने क्या नवाजा कि आके बैठे हो पहली सफ में, अभी से उड़ने लगे हवा में अभी तो शोहरत नयी-नयी है। इन वाक्यों को लिखनेवाली मशहूर शायरा शबीना अदीब कहती हैं, ‘हम सब जानते हैं कि लॉक डाउन व कोविड की वजह से सब की जिंदगी कैसे गुजरी है। खासकर, कलाकारों, फनकारों और साहित्यकारों के लिए यह मुश्किल भरा दौर है। इनका कोई कारोबार नहीं होता है। इन लोगों का जीवन यापन अपने फन को प्रस्तुत कर के ही होता है। ज्यादातर साहित्यकार तो फकीर ही होते हैं। ऐसे में लगभग दो वर्ष से कायम त्रासदी ने इन्हें बहुत परेशान कर दिया। इस वजह से ऐसे कार्यक्रम होने चाहिए। सोचा कि शायरी के जरिये लोगों तक इनका पैगाम पहुंचाया जाए। ऐसे प्रोग्राम होने से हमलोग एक-दूसरे से जुड़े भी रहते हैं। खुर्शीद अहमद जैसे लोग इस तरह की महफिल सजाते हैं। इन्होंने फिर से एक महफिल सजाने की कोशिश की है। मेरी लोगों से अपील होगी कि लोग कार्यक्रम को देखे और सुनें तथा अमल भी करें।
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उदासी के आलम में सुकून पहुंचाना लक्ष्य: जौहर कानपुरी
वहीं, लेखक व शायर जौहर कानपुरी ने इस कार्यक्रम के संबंध में बताया कि उन लोगों की कोशिश है कि कोविड की वजह से जो तनाव और दुःख लोगों ने झेला है उसे कम किया जाए। उन्हें एक सुकून दिया जाए। खुशी बांटी जाए। शायरी और कविता के माध्यम से एक खिला हुआ माहौल बनाया जाए। लोगों का मुरझाया हुआ चेहरा फिर से खिल उठे। कार्यक्रम में चर्चा के साथ षेरो-शायरी भी की जाएगी। खुर्शीद अहमद ने काफी अच्छी पहल की है। वो पहले भी ऐसा करते रहे हैं। चूंकि परिस्थितियां बदली हुई है। इसलिए उसके मद्देनजर हम लोग फिजिकल की जगह आभासी तौर पर ही अपने फन से लोगों को सुकून का एहसास कराने की कोशिश करेंगे।
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कोविड का साहित्यिक महफिलों पर बुरा असर : गौहर पीरजादा
कार्यक्रम के मॉडरेटर व संचालक गौहर पीरजादा का कहना था कि कोविड ने सब को प्रभावित किया है। साहित्यिक जगत भी इससे अछूता नहीं है। इस क्षेत्र पर भी इसका बुरा असर पड़ा है। वैसे पहले भी साहित्यिक गोष्ठियों व महफिलों को वो उतना तवज्जो नहीं मिलता था। कोविड से स्थिति और प्रतिकूल कर दी है। सरकारी क्षेत्र से षेरो-षायरी की महफिल सजाने की कोई खास कोशिश नहीं होती है। सरकार से इसको प्रमोशन नहीं मिलता है। ऐसे में शेरो-शायरी करनेवालों को आभासी तौर पर एक मंच पर लाने की कोशिश है। श्री पीरजादा ने कहा कि वर्तमान पीढ़ी में साहित्य के प्रति कम रूचि है। जबकि 30 -40 वर्ष पहले लोग इसमें काफी रूचि लेते थे। चर्चा में साहित्यिक कार्यक्रमों पर कोविड के असर, युवाओं के बीच इसके घटते प्रभाव और सरकार साहित्यकारों को कैसे मदद करे, इसी पर चर्चा होगी।
हई फाउंडेशन व एडवांटेज केयर का अस्पताल शुरू: खुर्शीद अहमद
प्रख्यात सर्जन डॉ. ए. ए. हई के नेतृत्व में संचालित हई फाउंडेशन और एडवांटेज केयर मिलकर अररिया में अस्पताल शुरू किया है। एडवांटेज केयर के खुर्शीद अहमद ने बताया कि अभी यह छह बेड का अस्पताल है। लेकिन डेढ़ माह में यह 30 बेड का कर दिया जाएगा। काम प्रगति पर है। अभी कोविड मरीजों का मुफ्त में इलाज होगा। बाद में सामान्य मरीजों को भी देखा जाएगा और भर्ती किया जाएगा। खुर्शीद अहमद ने बताया कि इस तरह के बिहार के चार और गांवों में गरीब मरीजों के लिए निःशुल्क अस्पताल खोले जाएंगे। जहां अस्पताल अगले चरण में खुलेगा, उसमें मधुबनी, गया, पटना और सिवान शामिल है। अररिया के बाद मधुबनी का अस्पताल फंक्शनल करने की तैयारी चल रही है। क्रिब्स हाॅस्पिटल के फाउंडर एवं चेयरमैन मोहम्मद इम्तेयाज से वार्तालाप जारी है। अगले तीन माह में योजना पूरी हो जाने की उम्मीद है।
विभिन्न न्यूज पोर्टल पर भी होगा प्रसारित
इस चर्चा का प्रसारण जूम और यूट्यूब के अलावा कुछ प्रमुख न्यूज पोर्टल पर होगा, जिसमें लाइव सिटीज, फर्स्ट बिहार-झारखंड, सिटी पोस्ट लाइव और नौकरशाही डॉट काम शामिल है। दर्शक इन पोर्टल पर जाकर भी चर्चा में भाग ले रहे विशेषज्ञों की बातों को सुन और देख सकते हैं। उनकी रचनाओं का आनंद ले सकते हैं।
अगले रविवार 4 जुलाई को ग्यारहवां एपिसोड होगा आयोजित
इस कार्यक्रम का ग्यारहवां एपिसोड अगले रविवार 4 जुलाई को दोपहर 12.00 बजे से आयोजित होगा। जिसका विषय है ‘‘हेल्थ एंड वेलनेस’’। इस कार्यक्रम में देश की जानी मानी हस्तियां शामिल होंगी। जिनमें रितीका समद्दार, चीफ डायटिषीयन, मैक्स हेल्थकेयर, साकेत, रिचा रंजन, नैचुरालिस्ट, बी.टेक. (आई.आई.टी. रूरकी), डाॅ. मनीश गुंजन, एम.बी.बी.एस., एम.डी. फाॅर्टिस हाॅस्पिटल, न्यू दिल्ली, योगाचार्या रवि झा, होल्डर आॅफ गोल्डेन बुक ऑफ वलर््ड रिकाॅर्ड हैं। इस कार्यक्रम का मशहुर टी.वी. एंकर नगमा सहर करेंगी।
पिछले रविवार को भी इस तरह की चर्चा हुई थी, जिसमें 17 हजार लोग कार्यक्रम से सीधे जुड़े जबकि प्रिंट, इलेट्रॉनिक और सोशल मीडिया के माध्यम से 66 लाख लोेगों ने कार्यक्रम में हुई चर्चा के बारे में पढ़ा और जाना।