सिब्बल ने क्यों कहा, मेरी लाश भी भाजपा में शामिल नहीं हो सकती

जितिन प्रसाद के भाजपा ज्वाइन करने पर वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने नई परिभाषा दी। कहा, आज की राजनीति प्रसादा राम पॉलिटिक्स हो गई। प्रसादा पॉलिटिक्स मतलब?

जितिन प्रसाद के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने पर देश में अच्छी बहस छिड़ गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया- जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हुए। सवाल यह है कि क्या वे भाजपा से ‘प्रसाद’ पाने में सफल होंगे या वे यूपी चुनाव के लिए सिर्फ ‘शिकार’ साबित होंगे? जब विचारधारा महत्वहीन हो जाती है, तो पाला बदलना आसान हो जाता है।

बाद में कपिल सिब्बल ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा कि पहले राजनीति में आया राम, गया राम होता था, अब प्रसादा राम पॉलिटिक्स हो रही है। प्रसादा राम का अर्थ है, जहां विचारधारा, मत, सिद्धांत की बात खत्म हो जाए और यह महत्वपूर्ण हो जाए कि राजनीति में मुझे क्या मिलेगा, मेरा कैसे फायदा होगा।

सवाल सिर्फ जितिन प्रसाद का ही नहीं है। बंगाल में क्या हुआ। मध्यप्रदेश में क्या हुआ? जो लोग कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए, वे मंत्री बन गए। महाराष्ट्र, कर्नाटक में भी वही हुआ। पाला बदलने में विचार कहीं था ही नहीं। सिर्फ अपना फायदा था। इसका असर जमीन पर काम करनेवाले कार्यकर्ता पर क्या पड़ेगा? वह तो छला हुआ महसूस करेगा। उसे अपने नेता पर कैसे भरोसा होगा?

मेरी लाश भी भाजपा में नहीं जा सकती

वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल ने कहा कि राजनीति में हर व्यक्ति के अपने विचार-मत होते हैं। एक रात में वे कैसे बदल सकते हैं? आज पार्टी कहे कि आपकी जरूरत नहीं, तो मैं अलग हो जाऊंगा, पर मैं भाजपा में कैसे जा सकता हूं? मेरे मरने के बाद मेरी लाश भी भाजपा में नहीं जा सकती। जब राजनीति में पैर रखा, तबसे जिसके खिलाफ आज तक खड़ा रहा, उसी पार्टी में कैसे जा सकता हूं?

झारखंडी मंत्री क्यों बोले मोदी के खाने के दांत अलग, दिखाने के अलग

यूरोप में आप ऐसा नजारा नहीं देखते कि आज कोई एक पार्टी में है, कल दूसरी में शामिल हो जाए। दुनिया के किसी भी विकसित लोकतंत्र में ऐसा नजारा नहीं दिखता। यह विचारधाराओं का संघर्ष है।

जदयू में व्यापक संगठनात्मक फेर बदल की तैयारी, ऐलान जल्द

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427