कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारिक संस्था कार्य समिति ने शनिवार देर रात पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांघी को सर्वसम्मति से अंतरिम अध्यक्ष बनाने का फैसला लिया जिसे श्रीमती गांधी ने इसे स्वीकार कर लिया है।
कार्य समिति की आज दो बार हुई बैठक के बाद पार्टी महासचिव के सी वेणुगोपाल तथा मीडिया प्रभारी रणदीपसिंह सुरजेवाला ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि कार्य समिति की पहले सुबह बैठक हुई थी जिसमें श्री राहुल गांधी से अध्यक्ष पद पर बने रहने का सर्वसम्मति से अनुरोध किया गया था , लेकिन वह अपने इस्तीफे पर कायम रहे। इसके मद्देनजर पांच उप समितियां गठित कर उनसे नये अध्यक्ष के बारे में विचारविमर्श करने और इस संबंध में रात आठ बजे तक रिपोर्ट देने को कहा गया था। उपसमितियों ने प्रदेश इकाइयों के अध्यक्षों, विधायक दलों के नेताओं, पार्टी के महासचिवों तथा उसके लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों तथा अन्य वरिष्ठ नेताओं से विचारविमर्श किया और सभी ने कार्य समिति को अपनी रिपोर्ट सौंपी।
उन्होंने बताया कि सभी उपसमितियों ने श्री राहुल गांधी को पद पर बने रहने की फिर से अनुरोध करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद कार्य समिति ने प्रस्ताव पारित कर श्री गांधी से अनुरोध किया कि वह पार्टी के हर नेता और प्रतिनिधि की इच्छा के अनुरूप अपना इस्तीफा वापस ले लें , लेकिन उन्होंने इस अनुरोध को विनम्रता से ठुकरा दिया। श्री गांधी ने कहा कि जवाबदेही की कड़ी उनसे ही शुरू होनी चाहिए इसलिए वह अध्यक्ष पद पर नहीं रहेंगे।
श्री गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया था। श्री गांधी कांग्रेस के 16 दिसंबर 2017 को अध्यक्ष बने थे। उन्होंने श्रीमती सोनिया गांधी से पार्टी की कमान संभाली थी। श्रीमती गांधी 1998 से लगातार पार्टी की अध्यक्ष थीं।