डेक्कन कॉलेज पोस्ट-ग्रेजुएट और रिसर्च इंस्टीट्यूट, पुणे के पूर्व प्रोफेसर और कुलपति, राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर, गांधीनगर के महानिदेशक एवं दक्षिण एशियाई पुरातत्त्व सोसायटी (SOSAA) के अध्यक्ष प्रो. वसंत शिंदे और राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण के अध्यक्ष प्रो. किशोर कुमार बासा ने दिनांक 19 जून 2024 को पटना विश्वविद्यालय के प्राचीन भारतीय इतिहास एवं पुरातत्त्व विभाग का दौरा किया।
इस अवसर पर उन्होंने विभागीय संग्रहालय का भ्रमण किया और उसके विकास के लिए बहुमूल्य सुझाव दिए। प्रो. बासा के साथ बिहार विरासत विकास समिति के कार्यकारी निदेशक प्रो. विजय कुमार चौधरी भी उपस्थित थे। विभागाध्यक्ष डॉ. मो. सईद आलम, शिक्षक डॉ. ब्रजेश कुमार सिंह, मदन पाण्डेय और विभाग के समस्त कर्मचारियों ने विद्वानों का जोरदार स्वागत किया।
डॉ. आलम ने बताया कि विभागीय संग्रहालय में चम्पा, अन्तिचक (विक्रमशिला), कुम्हरार, चिरांद जैसे पुरास्थलों से प्राप्त अति दुर्लभ पुरावशेषों का संकलन है। प्रो. शिंदे और प्रो. बासा ने चम्पा से प्राप्त हाथी दांत से निर्मित नर्तकी की मूर्ति की प्रशंसा की और संग्रहालय में वस्तुओं को आधुनिक तरीके से प्रदर्शित करने पर बल दिया।
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डॉ. आलम ने यह भी बताया कि बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग ने विभागीय संग्रहालय के जीर्णोद्धार के लिए अपनी सहमति दे दी है और इसके लिए पटना विश्वविद्यालय से भी प्रशासनिक मंजूरी एवं अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदान करने का अनुरोध किया गया है। डॉ. आलम ने प्रो. वसंत शिंदे और प्रो. के. के. बासा का इस यात्रा और उनके अमूल्य सुझावों के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया।