Sri Lanka के राष्ट्रपति मालदीव भागे, वहां भी शुरू हो गया प्रदर्शन
Sri Lanka के धर्मरक्षक राष्ट्रपति आज मुस्लिम बहुल मालदीव पहुंच गए। आश्चर्य, वहां भी शुरू हो गया प्रदर्शन। श्रीलंका में कर्फ्यू बना मजाक।
इसे किस्मत का खेल नहीं कह सकते, यह झूठ का बेनकाब होना है कि श्रीलंका के धर्मरक्षक राष्ट्रपति राजपक्षे जो अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत फैलाते रहे, आज भागकर मालदीव पहुंच गए। मालूम हो कि मालदीव में मुस्लिम आबादी 98 फीसदी से ज्यादा है। आज राजपक्षे राष्ट्रपति पद छोड़ने की घोषणा करनेवाले थे, लेकिन छिप कर मालदीव पहुंच गए। जैसे ही यह खबर मीडिया में आई, हजारों की संख्या में मालदीव में रह रहे श्रीलंकाई महिला-पुरुष सड़क पर आ गए और राजपक्षे के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे।
उधर, श्रीलंका के कई हिस्सों में कर्फ्यू की घोषणा की गई, लेकिन अब तक वह मजाक ही साबित हो रहा है। पुलिस और सेना ने कई इलाकों में सड़कों से लोगों को हटाने के लिए हवा में गोलियां चलाई तथा आंसू गैस के गोले छोड़े। इसका कोई असर नहीं हुआ और आंसू गैस के गोले फिर से पुलिस की तरफ लोगों ने फेंके। ऐसी ही एक तस्वीर में बौद्ध साधु आंसू गैस के गोले को उठा कर वापस पुलिस की तरफ फेंकते देखे गए, जिनकी तस्वीर खूब शेयर की जा रही है।
इस बीच आज एक बड़ी खबर यह आई कि हजारों लोगों ने प्रधानमंत्री कार्यालय को न सिर्फ घेर लिया, बल्कि उसमें घुस गए हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री Ranil Wickremesinghe (रनिल विक्रमसिंघे) को कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित किया गया। इससे नाराज लोग प्रधानमंत्री कार्यालय में घुस गए। माना जा रहा है कि रनिल भी किसी वक्त देश से भाग सकते हैं।
कोलंबो की सड़कों पर आज भी प्रदर्शनकारियों का कब्जा दिख रहा है। राष्ट्रपति राजपक्षे के महल में जानेवाले आज बी लंबी लाइन में दिख रहे हैं। यह लाइन खत्म ही नहीं हो रही है। दिन ही नहीं, रात में बी लोग लाइन लगा कर भीतर का नजारा देख रहे हैं कि बदहाल जनता का राष्ट्रपति कितना विलासिता के साथ रहता था।
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