केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बिहार के भागलपुर में हुए अरबों रुपये के बहुचर्चित सृजन घोटाला से जुड़े तीन मामलों में 44 लोगों के खिलाफ आज विशेष न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया।
ब्यूरो के विशेष न्यायाधीश (प्रथम) कुमार गुंजन की अदालत में सीबीआई ने यह आरोप पत्र भारतीय दंड विधान और भ्रष्टचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं में घोटाले से जुड़े तीन अलग-अलग मामलों में दाखिल किया है।
आरोपितों में स्वयंसेवी संस्था सृजन की अध्यक्ष शुभलक्ष्मी प्रसाद, प्रबंधक सरिता झा, संयोजक स्व. मनोरमा देवी के पुत्र अमित कुमार, बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य प्रबंधक मोहम्मद नैयर आलम, पूर्व मुख्य प्रबंधक अरूण कुमार सिंह, बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य प्रबंधक दिलीप कुमार ठाकुर, डिस्ट्रिक अर्बन डेवलपमेंट एजेंसी के कार्यपालक अभियंता नागेन्द्र भगत, राजेन्द्र प्रसाद समैयार और मनोज कुमार शामिल है। सभी आरोप पत्र में सृजन की संयोजक स्व. मनोरमा देवी को मृत दिखाते हुए आरोपित किया गया है। इसके अलावा सृजन की सचिव रजनी प्रिया भी दो मामलों में आरोपित हैं।
मामला बिहार के भागलपुर जिले में महिला सशक्तिकरण एवं सुदृढ़ीकरण से जुड़ी योजनाओं की अरबों रुपये की सरकारी राशि का सरकारी पद का भ्रष्ट दुरूपयोग कर धोखाधड़ी एवं जालसाजीपूर्वक एक आपराधिक षडयंत्र के तहत गबन किये जाने का है। घोटाले से जुड़े मामले के मुकदमे साल 2016 से 2017 के बीच भागलपुर के विभिन्न थानों में दर्ज किये गये थे। बाद में मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गयी। साल 2017 में सीबीआई ने मुकदमों की प्राथमिकी दर्ज जांच शुरू की थी।